ब्रेकिंग न्यूज़

BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप Bihar News: थाने का ड्राइवर ही निकला गांजा तस्कर, SP की नजरों में आने के बाद हुआ खुलासा Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला

सरकारी नौकरी की तलाश में गरीब किसान का बेटा गांव से आया दिल्ली, पहले कांस्टेबल फिर 8 साल बाद बन गया IPS

सरकारी नौकरी की तलाश में गरीब किसान का बेटा गांव से आया दिल्ली, पहले कांस्टेबल फिर 8 साल बाद बन गया IPS

17-Jan-2020 11:54 AM

By

DESK : आईपीएस अफसर विजय सिंह गुर्जर की IPS बनने की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणास्रोत है यो हिम्मत हार कर पिछे हट जाते हैं या जो नौकरी और सेटल होने पर अपनी सोच भर में सीमित हो जाते हैं. हर उस युवा को IPS विजय सिंह गुर्जर से सिखने की जरुरत है.

विजय सिंह गुर्जर राजस्थान के एक पिछड़े गांव के किसान परिवार के घर में पैदा हुए. पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर के विजय को  उनके पिता ने उन्हें संस्कृत विषय में शास्त्री की पढ़ाई कराई ताकि वो सरकारी टीचर बन जाएं और घर का खर्चा आसानी से पुरा हो जाए. लेकिन विजय शुरू से ही टीचर नहीं बनना चाहते थे, वे IPS में जाना चाहते थे. गांव में विजय पिता के साथ सुबह चार से आठ बजे तक फसल कटाई में हाथ बंटाने के अलावा गर्मियां ऊंटों को जुताई के लिए ट्रेंड करते थे. जिन्हें ट्रेंड होने के बाद पिता पुष्कर मेले में जाकर बेच आते थे. घर के आर्थ‍िक हालात ऐसे नहीं थे कि बहुत अच्छे कॉलेज में पढ़ सकें. 

इसी बीच दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की भर्ती निकली और विजय को इसका पता चला. फिर विजय के एक दोस्त ने हेल्प की और वे दिल्ली आ गए. एक महीने कांस्टेबल की तैयारी की, पेपर दिया तो 100 में 89 सही थे और उनका रीजल्ट आ गया. उसके बाद उन्होंने जून 2010 में कांस्टेबल के पद पर दिल्ली पुलिस में ज्वाइन कर लिया. लेकिन उसके बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और फिर उनका सब इंस्पेक्टर का भी रिजल्ट आ गया. इसी दौरान विजय ने एक दिन कांस्टेबल की ड्यूटी के दौरान दिल्ली में एक डीसीपी के काम और जिम्मेदारी को देखा तो वे उनकी तरह बनने की सोचने लगे. लेकिन मन में हिम्मत नहीं थी. एक बार उन्होंने नेट पर इस बारे में टॉपर्स की राय सुनी और उस आधार पर तैयारी करने लगा. तभी एसएससी सीजीएल का भी परीक्षा दिया और उसका रिजल्ट आने के बाद कस्टम अफसर के तौर पर ज्वाइन किया. उसके बाद जॉब बदलने का सिलसिला जारी हुआ और 2014 में इनकम टैक्स में ज्वाइन कर लिया. उसके बाद 3 बार UPSC प्रीलिम्स नहीं कर पाए. फिर भी हिम्मत नहीं हारी और 2016 में मेन्स निकाल लिया, लेकिन इंटरव्यू में 9 से 10 नंबर से रह गया. उसके बाद 2017 के रिजल्ट में यूपीएससी परीक्षा में उन्हें सफलता मिली और उन्होंने 547वीं रैंक हासिल की और विजय को आईपीएस कैडर मिला.