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25-Jul-2024 05:06 PM
By First Bihar
SHEOHAR: शिवहर के सरोजा सीताराम सदर अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही से 48 वर्षीया एक महिला की मौत हो गयी। जहरीले सांप के काटने के बाद परिजन महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे थे जहां डॉक्टर ने सांप काटने की बात मानने से मना कर दिया। डॉक्टर को परिजनों की बात पर विश्वास नहीं हुआ। जिसे लेकर परिजनों और डॉक्टर के बीच कहासुनी हो गयी। इसी बीच सांप का जहर महिला के पूरे शरीर में फैल गया जिसके बाद हालत गंभीर होने के बाद भी वहां के डॉक्टरों ने इलाज शुरू नहीं किया और सीधे मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। परिजन जब महिला को मुजफ्फरपुर ले जाने लगे तभी रास्ते में ही मौत हो गयी।
मामला शिवहर के नगर थाना क्षेत्र स्थित जाफरपुर गांव की है जहां के रहने वाले चंदेश्वर गिरी की 48 वर्षीय पत्नी इंदू देवी को जहरीले सांप ने काट लिया था। जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां परिजनों ने डॉक्टर को बताया कि विषैले सांप ने काटा है लेकिन डॉक्टर उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे कि महिला को सांप ने काटा है। डॉक्टर कहने लगे कि महिला को सांप ने नहीं काटा है। इस बात को लेकर परिजनों और डॉक्टर के बीच इस बात को लेकर घटों कहासुनी होने लगी।
उधर महिला की हालत बिगड़ने लगी। महिला की हालत बिगड़ता देख डॉक्टर ने एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया। परिजन मरीज को लेकर मुजफ्फरपुर जाने लगे तभी रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। उसके बाद परिजनों ने शव को लेकर शिवहर सदर अस्पताल पहुंचकर घंटों जमकर हंगामा किया और डॉक्टर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण महिला की मौत हुई है। वो बार-बार कह रहे थे कि महिला को सांप ने काटा है लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टर अपनी जिद्द पर अड़े थे कि यह सही बात नहीं है। महिला को सांप ने नहीं काटा है। यदि डॉक्टर ने समय से इलाज शुरू किया होता तो आज वो जीवित रहती। सदर अस्पताल के डॉक्टर ही उसकी मौत का जिम्मेदार हैं।
जिसे हम धरती का भगवान मानते है उसी ने जान ले ली। वही सदर अस्पताल के डीआईओ अरुण कुमार सिन्हा का अलग ही कहना है उन्होंने बताया कि जब तक मरीज के अंदर सांप काटने के लक्षण दिखाई नहीं देगा तब तक मरीज का इलाज कैसे किया जाएगा? काफी समझाने के बाद परिजन शव को लेकर घर चले गए। लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि परिजनों ने डॉक्टर को बताया कि महिला को सांप ने काटा है तब परिजनों की बात पर भी ध्यान देना चाहिए था। डॉक्टरों की इसी मनमानी की वजह से कई जगहों पर जब सांप काटने की घटना सामने आती है तब लोग सांप को साथ लेकर अस्पताल पहुंचते हैं ऐसा इसलिए करते है कि अस्पताल के डॉक्टरों को मरीज और परिजनों की बात पर विश्वास नहीं होता है। इसी मामले में यदि डॉक्टर समय पर महिला का इलाज करते तो शायद आज इंदू देवी जिंदा रहती।
शिवहर से समीर कुमार झा की रिपोर्ट