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30-Oct-2019 04:25 PM
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PATNA : नवम्बर का महीना शुरू होते ही ठण्ड भी दस्तक देने लगती है.ऐसे में बच्चो को ठण्ड से बचा कर रखना सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी हर माँ बाप की होती है. हर मां-बाप अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित रहते हैं अगर शिशु नवजात हो तो यह चिंता और भी ज्यादा हो जाती है, लोगों में भ्रम रहता है कि शिशु को ठंड छाती से ही जल्दी लगती है जबकि वास्तव में ठंड पैरों व सिर से अधिक लगती है.
अचानक मौसम में परिवर्तन का असर सभी पर होता और इससे छोटे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, सर्दी, जुकाम और गले में इंफेक्शन के अलावा छोटे बच्चों को रोटा वायरल डायरिया, एर्ल्जी,अस्थमा, आंखों में इंफेक्शन, त्वचा में लाल दाने, निमोनिया आदि परेशानियां सबसे ज्यादा होती हैं.
ठण्ड से बच्चों को बचाने के लिए बहुत ज्यादा कपड़े लादने की बजाय, उसका तलवा, उसकी हथेली और उसके कान और सिर को ढक कर रखें. ये ऐसे एरियाज हैं, जहां से सबसे ज्यादा हीट लॉस होता है और यहीं से सबसे ज्यादा ठंढ लगने का डर रहता है. इसलिए बच्चों को टोपी, दस्ताने और मोजे जरूर पहनाकर रखें.
सर्दियों में धूप बहुत जरूरी है इसलिए रोजाना सुबह बच्चे को सन बाथ जरूर कराएं. इससे उनकी हड्डियों के विकास में मदद मिलेगी. बच्चो के आहार के साथ कोई लापरवाही न बरते. स्कूल जाने वाले बच्चों को पोषक आहार दें और उन्हें मुंह पर रूमाल रखकर छींकने व खांसने की आदत डाले.