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13-Apr-2023 04:03 PM
By RAMESH SHANKAR
SAMASTIPUR: समस्तीपुर में मुसरीघरारी, उजियारपुर और पूसा थाना क्षेत्र स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में हुए तीन बड़ी बैंक लूट समेत विभिन्न जिलों में हुए 10 लूट कांडों का खुलासा पुलिस ने किया है। गुरुवार को समस्तीपुर एसपी विनय कुमार तिवारी ने इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि समस्तीपुर पुलिस की 4 एसआईटी टीम ने मिलकर बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से पुलिस ने लूट की रकम में से 20 लाख 23 हजार रुपए बरामद किया है। वही दो पिस्टल, एक देसी कट्टा, 30 गोली, दो मैगजीन, कांड में प्रयुक्त लूटी गई और घटना से पूर्व रेकी में प्रयुक्त एक बाइक, दो हेलमेट, तीन टोपी और एक जोड़ी जूता बरामद किया गया है।
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान जिले के ताजपुर थाना क्षेत्र के कस्बे आहर निवासी मोहम्मद कमर के पुत्र मोहम्मद जावेद उर्फ नियाज, कल्याणपुर थाना क्षेत्र के वासुदेवपुर निवासी महेश प्रसाद के पुत्र सुधांशु कुमार उर्फ विक्की उर्फ राकेश, खानपुर थाना क्षेत्र के कानूबिशनपुर निवासी रामदेव प्रसाद के पुत्र रामबाबू ऊर्फ सुजीत एवं चैनपुर थाना क्षेत्र के दरगाह मोहल्ला निवासी नेसार उर्फ फूलो के पुत्र मोहम्मद दानिश उर्फ वाहिद के रूप में हुई है।
इस बड़े बैंक लूट की जांच में लगे चारों एसआईटी टीम के द्वारा कांड के खुलासे के लिए घटनास्थल से लेकर जिले के अलग अलग जगहों में लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और 600 मोबाइल नंबर को खंगालने के बाद जो सुराग मिला उसके आधार पर राज्य के 5 जिलों में की गई छापेमारी के बाद पुलिस को यह बड़ी सफलता मिली है। एसपी ने बताया कि इस लूट कांड के उद्भेदन में पुलिस टीम के साथ ही जिले के सकारात्मक सोच वाले कुछ युवाओं के द्वारा दी गई गुप्त सूचना के आधार पर कांड का उद्भेदन संभव हो पाया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार चारों अपराधी पहले छोटी-मोटी लूट की घटना को अंजाम दिया करते थे। जिसमें उन्हें बड़ी रकम हाथ नहीं लग पा रही थी। इसी दौरान उन लोगों की पहचान जिले के कुख्यात अपराधी अहमद रजा ऊर्फ पल्सर, दौलतपुर के इकरामुल, बंगरा के बबलू, पूसा के लकी, धरमपुर के सद्दाम और कस्बे आहार के अरमान से हुई। जिसके बाद कस्बे आहर के नियाज और अरमान ने एक गैंग बनाया और इन लोगों के द्वारा इकरामुल के घर पर बैंक लूट की योजना बनाई गई।
इसके बाद इन लोगों ने घटना को अंजाम देने के लिए बबलू और सद्दाम से हथियार की खरीद की और उन लोगों को लकी ने फर्जी सिम उपलब्ध करवाया। उन लोगों ने बैंक लूट की घटना को अंजाम देने के लिए पूर्व में लूट की गई बाइक का इस्तेमाल किया था। यह सभी लोग आलीशान घर और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के लिए बैंक लूट की घटना को अंजाम दे रहे थे। इन सभी अपराधियों ने मिलकर सभी के हिस्से में लूट के एक-एक करोड रुपए मिलने का टारगेट कर रखा था।
इसी योजना पर काम करते हुए बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम दिए जा रहे थे।इस गैंग में ज्यादातर नए बदमाश ही थे जो पहले कभी जेल नही गए थे इसलिए इनका पुलिस रिकार्ड में हुलिया भी नही था।लेकिन सीसीटीवी फुटेज से मिली लीड के बाद पूरे गैंग को डिटेक्ट कर लिया गया।इसमे पुलिस ने समस्तीपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय एवं पटना के अपराधियों के करीब 50 ठिकानों पर छापेमारी किया।
बता दें कि एसआईटी टीम ए का नेतृत्व समस्तीपुर सदर डीएसपी रहे मो. सेहबान हबीब फखरी, टीम बी का नेतृत्व दलसिंहसराय डीएसपी दिनेश कुमार पांडे, टीम सी का नेतृत्व डीआईयू शाखा से इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार सिंह एवं टीम डी का नेतृत्व डीआईयू शाखा से एसआई मुकेश कुमार कर रहे थे।