ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: जमीनी विवाद में गोलीबारी और बमबारी, एक गंभीर रूप से घायल; छापेमारी जारी Andhra Pradesh population policy: जनसंख्या बढ़ाओ, पैसा पाओ! इस राज्य में परिवार बढ़ाने पर सरकार देगी आर्थिक मदद Bihar Crime News: पटना सिटी में दो गुटों के बीच मारपीट और चाकूबाजी, 3 घायल; 5 गिरफ्तार Corona In Bihar: पटना में कोरोना के मामले बढ़े, 8 नए संक्रमित; कुल संख्या 50 पार Bihar Crime News: चलती ट्रेन में पर्स काटने वाला चोर धराया, कई जिलों में दर्ज थे मामले; जनता ने खूब की खातिरदारी Train News: यात्री गाड़ी कृपया ध्यान दें! वैष्णो देवी जाने वालों के लिए बिहार से स्पेशल ट्रेन, शेड्यूल हुआ जारी Bihar News: 10 से 28 जून तक 18 एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द, इन ट्रेनों का बदलेगा रास्ता Virsa Munda : जननायक बिरसा मुंडा, जिन्हें उनके ही लोगों ने मात्र 500 रुपए के लालच में अंग्रेजों के हवाले कर दिया! Patna News: पटना को ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, डबल डेकर पुल बनकर तैयार; जानें... कब से शुरू होगा आवागमन IAS Arrested: IAS अधिकारी घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, व्यापारी से ले रहे थे इतनी रिश्वत!घर से मिला कैश का ढेर

केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों के कर्मचारियों को पूरा वेतन देने की बाध्यता खत्म की, प्राइवेट जॉब करने वालों के वेतन पर आफत

केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों के कर्मचारियों को पूरा वेतन देने की बाध्यता खत्म की, प्राइवेट जॉब करने वालों के वेतन पर आफत

19-May-2020 06:35 AM

By

DELHI : देश में प्राइवेट कंपनियों में काम रहे करोडो लोगों के वेतन पर आफत आ सकती है. केंद्र सरकार ने कोरोना काल में प्राइवेट कंपनियों में काम कर रहे लोगों को पूरा वेतन देने की बाध्यता खत्म कर दी है. लॉकडाउन के चौथे चरण में सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में इसका जिक्र नहीं है. इससे प्राइवेट कंपनियों को तो राहत मिलेगी लेकिन वहां काम कर रहे करोडो लोगों पर आफत आ सकती है. 


दरअसल देश में कोरोना संकट शुरू होने के बाद केंद्र सरकार ने प्राइवेट कंपनियों के लिए आदेश जारी किया था. इसके तहत देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कारखाने और दफ्तर बंद रहने के बावजूद कंपनियों को अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने की बाध्यता थी. कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी ताजे गाइडलाइंस में इस फरमान को वापस ले लिया गया है. इससे उन कंपनियों को राहत मिलेगी जिन्होंने अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान पूरा वेतन देने में असमर्थता जताई थी. 

दरअसल चौथे चरण का लॉकडाउन शुरू करते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अपने आदेश में कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी (एनईसी) की धारा 10(2) (1) को प्रभावी किया जा रहा है. यह नियमावली 18 मई से लागू की गयी है. इसमें  छह सेटों का प्रोटोकाल जारी किया गया है. इसमें सरकार का 29 मार्च का वो आदेश शामिल नहीं है जिसमें सभी प्राइवेट कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के लिए बाध्य किया गया था. चौथे चरण के लॉकडाउन से पहले के अपने सभी आदेश में सरकार ने खास तौर पर कहा था कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी कर्मचारी को नौकरी से न निकाला जाए. साथ ही उनके वेतन में भी कोई कटौती न हो. इस अवधि में कंपनी के आय के साधन बंद होने के बावजूद उन्हें पूरा वेतन दिया जाए.



लेकिन लॉकडाउन के चौथे चरण में ये बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उसने अपना पुराना आदेश वापस ले लिया है. लिहाजा कंपनियां को पूरा वेतन देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.

गौरतलब है कि इससे पहले 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने में असमर्थ कंपनियों के खिलाफ सरकार को कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.