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07-Nov-2020 06:04 AM
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PATNA : बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में दवा खरीद को लेकर हुई गड़बड़ी के मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पीएमसीएच के तत्कालीन अधीक्षक रहे ओपी चौधरी समेत पांच लोगों की चल अचल संपत्ति ज़ब्त कर ली है। ईडी की इस कार्रवाई के रडार में 5 लोग आए हैं जिनकी ईडी ने 3 करोड़ 14 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति जप्त की गई है। ईडी की इस कार्रवाई में पटना, गाजियाबाद, पुणे, बेंगलुरु में 9 फ्लैट को जब्त किए जाने की कार्रवाई शामिल है।
ओपी चौधरी पीएमसीएच के चर्चित अधीक्षक रहे हैं और जेडीयू के एक नेता के यह करीबी भी हैं। ओपी चौधरी को लेकर बिहार में विपक्ष कई तरह के सवाल उठाते रहा है और दवा घोटाला मामले में अब उनके ऊपर शिकंजा कस गया है। ईडी की कार्रवाई में 25 लाख 86 हजार से ज्यादा की 3 गाड़ियां अलग-अलग बैंक खातों में जमा 28 लाख से ज्यादा रुपए भी बरामद किए गए हैं। करीब 12 करोड़ रुपए का यह दवा घोटाला साल 2008 से 2010 के बीच हुआ था। इसमें पीएमसीएच के अंदर दवा, मेडिकल इक्विपमेंट और केमिकल की खरीद में गड़बड़ी हुई थी। इस मामले में तत्कालीन अधीक्षक ओम प्रकाश चौधरी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर ईडी ने जांच शुरू की थी।
तत्कालीन अधीक्षक ओपी चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने सप्लायरों के साथ मिलीभगत कर उनके नाम में दवा केमिकल और मेडिकल इक्विपमेंट की खरीद की। ओपी चौधरी के अलावे तत्कालीन उपाधीक्षक गणेश प्रसाद, फैकल्टी हेड और दो अन्य लोगों पर भी ईडी ने कार्रवाई की है। इस मामले में निर्णायक मोड़ तब आया था जब साल 2013 में पटना हाईकोर्ट के अंदर एक याचिका दायर की गई और पीएमसीएच में दवा घोटाले की जांच से एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। साल 2015 में आरोप पत्र दायर किया गया।