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16-Nov-2019 07:07 AM
By SUMIT KUMAR
PATNA: पटना से सटे नौबतपुर के महमदपुर में 10 अगस्त को बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ ने कृष्णा नाम के शख्स को मौत के घाट उतार दिया था. जिस शख्स के मॉब लिंचिंग के आरोप में 23 लोग जेल की हवा खा रहे हैं, वह जिंदा लौट आया है. जिस शख्स को भीड़ ने मार डाला था उसकी पहचान रानी तालाब थाना के निसरपुरा गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में की गई थी. पुलिस ने उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराकर उसके परिजनों को भी सौंप दिया था. अब सवाल ये है कि जब कृष्णा जिंदा है तो उस दिन मारा गया व्यक्ति आखिर कौन था?
मॉब लिंचिंग की इस घटना के आरोप में 23 लोग जेल की सजा काट रहे हैं. वहीं कथित तौर पर कृष्णा मांझी के जिंदा होने की ख़बर पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रही है. इस पूरे मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए पुलिस अब कृष्णा मांझी का कोर्ट में बयान दर्ज कराएगी.
वहीं इस मामले में कृष्णा मांझी की पत्नी रूदी देवी ने बताया कि 12 अगस्त को दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल में जब वह अपने पति का शव देखने गई थी तो शव सड़ी-गली हालत में थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नौबतपुर थाना प्रभारी सम्राट दीपक कुमार ने जबरन मृत युवक को कृष्णा मांझी बताकर शव सौंप दिया, जिसके बाद पुलिस के दबाव में घरवालों ने उसका दाह संस्कार भी कर दिया.