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06-Jul-2024 05:34 PM
By First Bihar
PATNA: आईएएस अधिकारी डॉ.एस सिद्धार्थ जब से शिक्षा के अपर मुख्य सचिव बने हैं, तब से वो भी केके पाठक की तरह सुर्खियों में बने हुए हैं। आए दिन वे स्कूलों में औचक निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। यही नहीं सड़क पर ही निरीक्षण करने लगते हैं। कहीं स्कूली बच्चे नजर आते हैं तो वो उनसे बात करने लगते हैं और स्कूल में होने वाली पढ़ाई का फीडबैक लेने लगते हैं। पूछने लगते हैं कि स्कूल में किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव लगातार निरीक्षण करते देखे जा रहे हैं। निरीक्षण का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस बार वो पटना में राजभवन के पास ई-रिक्शा से स्कूल जाती कुछ छात्राओं पर उनकी नजर पड़ी तो तो उनके पास पहुंच गये और उनसे पूछताछ करने लगे कि कितने बजे स्कूल है। छात्राओं ने कहा कि 9 बजे से है। उन्होंने लेट होने की वजह भी जानने की कोशिश की। ई-रिक्शा में बैठी छात्राएं उन्हें नहीं पहचान पाई। ई-रिक्शा का ड्राइवर उस वक्त अपनी गाड़ी में नहीं था सिर्फ छात्राएं दिख रही थी तब उन्होंने पूछा कि ई-रिक्शा वाला कहां गया। वो भी ड्राइवर को खोजने लगते हैं। तभी थोड़ी देर बाद ई-रिक्शा का ड्राइवर पहुंचता है। जो एस सिद्धार्थ को पहचान जाता है। ई-रिक्शा वाले की नजर एसीएस पर जैसे ही गई वो नमस्ते करने लगा। तब एस सिद्धार्थ उससे पूछते हैं कि स्कूल को स्कूल जाना है देरी क्यों कर रहे हो? दरअसल स्कूल की टाइमिंग 9.30 बजे हैं और बच्चे 9.45 में रोड पर ही थे। एस सिद्धार्थ ने सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों को पहले ही आदेश दे रखा है कि स्कूल में समय की पाबंदी सख्ती से की जाए।
बता दें कि दो दिन पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ट्रेन की स्लीपर बोगी में खड़ा होकर दानापुर से भोजपुर के बिहिया गये थे। इस दौरान ट्रेन में सवार यात्रियों से उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राय जानने की कोशिश की। वही बिहिया स्टेशन पर उतने के बाद फुटपाठ के दुकानदारों से भी बातचीत की। फिर स्कूल के लिए पैदल ही निकल गये। इस दौरान भी छात्राओं से उन्होंने बातचीत की। पूछा कि स्कूल टाइम में बाहर क्यों निकली हो। तब छात्राओं ने कहा कि लंच टाइम है इसलिए कुछ काम से निकले थे। उस वक्त भी छात्राओं ने उन्हें नहीं पहचाना था लेकिन जब उसी स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे तब छात्राओं को मालूम चला की उनसे पूछताछ करने वाला कोई आम आदमी नहीं था बल्कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। तब छात्राएं भी हैरान रह गयी।
पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ पटना के गर्दनीबाग स्लम बस्ती में पहुंचे थे जहां घरों के दरवाजों पर दस्तक देकर बच्चों के अभिभावकों से पूछने लगे कि बच्चे स्कूल क्यों नहीं गये है? फिर पटना के एक सरकारी स्कूल में जाकर वहां पढ़ाई कर रहे बच्चों से भी मिले और बातचीत की। बच्चों से पूछे कि स्कूल ड्रेस में क्यों नहीं आते हो? तब बच्चों ने कहा था कि सर गर्मी बहुत लगता है इसलिए स्कूल ड्रेस नहीं पहनते हैं। जबकि शिक्षिका ने कहा था कि स्कूल ड्रेस का पैसा लेते है लेकिन ड्रेस नहीं खरीदते हैं। इस दौरान एस सिद्धार्थ ने स्कूल का भी निरीक्षण किया। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए वो लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं। अब 1991 बैच के आईएएस अधिकारी एस. सिद्धार्थ एक बार फिर सुर्खियों में आ गये हैं।