ब्रेकिंग न्यूज़

मौसी की बेटी से एकतरफा प्यार करने वाले सनकी ने बीच सड़क पर मचाया तांडव, विरोध करने पर चलाई बहन के ऊपर गोली हाजीपुर में बोले विजय सिन्हा..जिस दिन तेजस्वी अपने पिता लालू की राह को छोड़ देगा, उसी दिन देश से आतंकवाद का सफाया हो जाएगा Bihar Crime News: अंशु हत्याकांड का खुलासा, दोस्त ही निकला कातिल CISCE ISC ICSE Board Result 2025: ​ 10वीं-12वीं का रिजल्ट कल होगा जारी, इस तरह से करें चेक Mob Lynching: “पाकिस्तान जिंदाबाद” बोलने पर युवक की हत्या, 15 गिरफ्तार घरेलू विवाद ने लिया खौफनाक मोड़: पति ने पत्नी का सिर मुंडवाया, गाली-गलौज और धमकी के बाद FIR दर्ज Bihar News: बिहार के इस जिले में खुदाई के दौरान मिली अष्टधातु की बेशकीमती मूर्ति, दर्शन के लिए जमा हुई लोगों की भीड़ चारधाम यात्रा 2025: पहलगाम हमले के बाद उत्तराखंड में सुरक्षा के कड़े प्रबंध, 6000 पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल की तैनाती राज्य में ‘स्वच्छ बिहार’ पोर्टल लॉन्च, स्वच्छता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम Czech Princess's Lost Ring: राजकुमारी की 22 लाख की अंगूठी खोई तो 2 दिन में ढूंढ कर निकाला, ठुकराए इनाम के 5 लाख रुपए

नियोजित शिक्षक 31 मार्च को रहेंगे उपवास पर, 2 अप्रैल को घर से मनाएंगे वेदना दिवस

नियोजित शिक्षक  31 मार्च को रहेंगे उपवास पर, 2 अप्रैल को घर से मनाएंगे वेदना दिवस

28-Mar-2020 02:42 PM

By Ganesh Samrat

PATNA : बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन और समान सेवाशर्त के मुद्दे पर चल रही महीनों पुरानी हड़ताल पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है। हालात ये हो गये है कि पूरे देश में जारी लॉकडाउन के बीच शिक्षक और उनका परिवार भूखे मरने को विवश है। लेकिन बिहार सरकार शिक्षकों के पूर्व के लंबित वेतन को भी देने को तैयार नहीं है। हड़ताली शिक्षकों ने दर्द बयां करते हुए कहा है कि वे सरकार की इस चुप्पी को याद रखेंगे। शिक्षकों ने 31 मार्च को पूरे परिवार के साथ उपवास का एलान किया है वहीं दो अप्रैल को शिक्षक वेदना दिवस मनाएंगे।


टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति नेता मार्कंडेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों के मसले पर सरकार की चुप्पी खतरनाक है। किसी लोकतांत्रिक प्रणाली में अपने कर्मचारियों के प्रति सरकार की ये बेरुखी मानवता और संविधान का गला घोंटने जैसा है। खुद को जनान्दोलनों की उपज बतानेवाले मुख्यमंत्रीजी को अहम त्यागकर जनविपत्ति की इस बेला में अपने नागरिकों कर्मचारियों शिक्षकों की जीवनरक्षा करनी चाहिए। यह वक्त सबक सिखाने की मानसिकता से चलने का नही है।


उन्होनें कहा कि बिहार का शिक्षक समाज कोरोना के खिलाफ सरकार और जनता के जंग में एकजुट है। सरकार पहल लेकर शिक्षकों के मसले पर सहानुभूतिपूर्वक निर्णय ले। कोरोना संकट में शिक्षकों के प्रति उपेक्षापूर्ण सरकारी व्यवहार के खिलाफ प्रदेशभर के शिक्षक परिवार 31 मार्च को अपने घरों में उपवास पर रहेंगे। इसी क्रम में 02 अप्रेल को अपने घरों में शिक्षक वेदना दिवस मनायेंगे। वेदना दिवस मनाते हुए हड़ताली शिक्षक अपने अपने धर्मानुसार पूजन, हवन, नमाज, अरदास आदि करते हुए सरकार के संवेदनशीलता की कामना करेंगे।


गोपगुट के प्रदेश सचिव अमित कुमार,नाजिर हुसैन,शाकिर इमाम,प्रदेश कोषाध्यक्ष संजीत पटेल और प्रदेश मीडिया प्रभारी राहुल विकास ने कहा कि न तो सरकार हड़ताली शिक्षकों से बात कर रही न ही उनके मसले पर कोई निर्णय ले रही है। उल्टे श्रम मंत्रालय के निर्देशों को दरकिनार करते हुए बिहार सरकार, हड़ताली शिक्षकों के पूर्व के बकाये वेतन भुगतान पर भी रोक लगाकर शिक्षकों के समक्ष भूखमरी जैसी स्थिति पैदा कर रही है। बावजूद इसके हड़ताल में बने रहते हुए शिक्षक कोरोना के खिलाफ सरकार के कैंपेन में वालिंटियर करने को तैयार हैं। कोरोना के खिलाफ सरकारी कदमों के साथ रहते हुए भी सहायक शिक्षक- राज्यकर्मी का दर्जा, वेतनमान और सेवाशर्त की मांगों पर शिक्षक मजबूती से अपने हड़ताल में बने रहेंगें।