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18-Sep-2024 04:00 PM
By First Bihar
ROHTAS: बिहार में 20 अगस्त से जमीन सर्वे का काम चल रहा है। अभी भू-सर्वेक्षण कार्य के ठीक से एक महीने भी नहीं हुआ कि अब इसका विरोध शुरू हो गया है। बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के काम को फिलहाल बंद करने की मांग अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा ने की है। सासाराम के अंचल कार्यालय के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
किसान सभा ने सरकार से कहा कि जितना जल्दी हो सके जमीन के सर्वे का काम बंद दिया जाए लोग हैरान और परेशान है। ऊपर से कई घटनाएं भी घट रही है। इन लोगों का कहना है कि सर्वे के नाम पर सरकार के अंचल स्तर के पदाधिकारी और कर्मचारी तमाम सरकारी जमीन को भू-माफिया के नाम खतियान बनाने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं तमाम विवादित जमीनों को पैसे लेकर अपने चहेतो के नाम पर कागज बनाने का भी खेल कार्यालय में खूब हो रहा है। बिना पैसा लिए वहां के कर्मचारी कागज तक छूते नहीं है।
बिहार में जमीन सर्वे कर ऐसे में बिहार से बाहर मजदूरी करने गए गरीबों के जमीन पर अधिकारियों के मिलीभगत से कब्जा हो रहा है। इन तमाम मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के बैनर तले कई वामपंथी दलों ने इस प्रदर्शन में भाग लिया एवं जल्द से जल्द सर्वे कार्य को पूरी तरह से बंद करने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान सभा के प्रांतीय सचिव अशोक बैठा ने कहा की गांव के गरीब, अनपढ़ किसानों के कागजात के नाम पर जमीन में हेरा फेरी की जा रही है।
इतना ही नहीं सरकार ऑनलाइन करने के चक्कर में तमाम गड़बड़िया की है। इससे गांव में तनाव बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार को पहले अपने कागजात को खुद सुधार करना चाहिए। ऑनलाइन के स्तर से जो अशुद्धियां हैं, उसे पहले खुद दूर कर आम लोगों के बीच सर्वे के लिए जाना चाहिए। वही कैथी लिपी को पढ़ने वाला भी कोई कर्मचारी नहीं है जिससे रैयतों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।