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12-Dec-2024 04:01 PM
By First Bihar
Nitish Cabinet Meeting: लालू-राबड़ी राज में कैबिनेट मीटिंग तक का दिन-समय तय नहीं था. लंबे समय तक मंत्रिमंडल की बैठक नहीं होती थी. जिस पर विपक्ष सवाल भी खड़े करता था. राबड़ी देवी का शासनकाल खत्म हुआ, इसके बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे. गद्दी संभालते ही सीएम नीतीश ने सिस्टम को ठीक करने का मुहिम चलाया. हर हफ्ते कैबिनेट की मीटिंग बुलाने का निर्णय लिया. बजाप्ता मंगलवार का दिन तय कर दिया कि हर हफ्ते इसी दिन शाम 4 बजे से कैबिनेट की बैठक होगी. 19 वर्षों बाद भी नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री हैं, पर अब अपनी ही बनाई व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे.
नवंबर 2005 में गद्दी संभालने के बाद 23 दिसंबर को लागू किया था नियम
नवंबर 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे. इसके बाद बदहाल व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश शुरू की. वे बार-बार यह बात दुहराते हैं कि हमले पूरी व्यवस्था को ठीक किया. इसी व्यवस्था के तहत नीतीश कुमार ने कैबिनेट की मीटिंग हर हफ्ते हो, यह तय किया. बजाप्ता मंत्रिमंडल सचिवालय की तरफ से नोटिफिकेश जारी हुआ. जिसमें कहा गया कि अब हर मंगलवार शाम 4 बजे कैबिनेट की बैठक होगी. 23 दिसंबर 2005 को इस संबंध में पत्र जारी किया गया था. मंत्रिमंडल सचिवालय के विशेष सचिव अखिलेश्वर प्रसाद गिरी ने इस संबंध में पत्र जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि सामान्यतः मंत्रिपरिषद की बैठक हर मंगलवार शाम 4 बजे होगी. अगर परिवर्तन की बात होगी तो अलग से सूचित किया जाएगा. इस संबध में सभी मंत्रियों, विभागीय सचिवों को सूचित किया गया था.
हर मंगलवार की बात कौन करे, 2-3 हप्ते बाद भी होती है कैबिनेट मीटिंग
आज क्या स्थिति है...? किसी से छुपी हुई बात नहीं है. हर मंगलवार की बात कौन करे, पंद्रह-बीस दिनों तक कैबिनेट की बैठक नहीं होती है. नियत दिन मंगलवार था, अब यह दूसरे दिन जैसे शुक्रवार या दूसरे दिन भी कैबिनेट की बैठक कर ली जाती है. यानि कैबिनेट मीटिंग को लेकर जो व्यवस्था खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बनाई थी, उस पर ही अमल नहीं हो रहा. कुछ उदाहरण से समझिए.... 2 दिसंबर मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की लास्ट बैठक हुई है. इसके पहले 19 नवंबर को बैठक हुई थी, यानि बीच में एक हफ्ता गैप कर दिया गया. 14 नवंबर गुरूवार के दिन कैबिनेट की बैठक हुई थी. इसके पहले 22 अक्टूबर को बैठक हुई थी.बीच में दो हफ्ता गैप कर दिया गया. 10 सितंबर को कैबिनेट मीटिंग हुई थी. इसके बाद 1 अक्टूबर को, यानि 21 दिनों बाद . यानि सरकार के पास कोई बड़ा काम नहीं है. लिहाजा हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक नहीं हो पा रही.
विवेकानंद की रिपोर्ट