ब्रेकिंग न्यूज़

मोतिहारी: दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, परिजनों में मचा कोहराम प्रशांत किशोर ने लालू के साथ-साथ राहुल गांधी पर बोला बड़ा हमला, कहा..संविधान लेकर घूमने वाले क्या अंबेडकर के अपमान का जवाब देंगे? BIHAR: मिट गया माथे पर लगा कलंक: पॉक्सो एक्ट में बुरी तरह से फंस चुके केशव को मिला नया जीवन दान नीट 2025 में गोल इन्स्टीट्यूट के छात्रों ने लहराया परचम, 5400 से अधिक छात्र सफल, 527 छात्रों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की उम्मीद Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप BIHAR: शादी के 3 साल बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप KATIHAR: डॉक्टर-पुलिस की मिलीभगत से कोर्ट को गुमराह करने का मामला उजागर, 82 वर्षीया महिला को जेल भेजने की धमकी, सोशल एक्टिविस्ट ने किया पर्दाफाश BIHAR CRIME: मोतिहारी एसपी के नाम पर बनाया फेक फेसबुक अकाउंट, साइबर ठगों ने की पैसे की मांग Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह

नालंदा में पुलिस कस्टडी में JDU नेता की मौत पर मानवाधिकार आयोग सख्त, सरकार से मांगा जवाब

नालंदा में पुलिस कस्टडी में JDU नेता की मौत पर मानवाधिकार आयोग सख्त, सरकार से मांगा जवाब

16-Jul-2019 02:33 PM

By 7

DELHI : नीतीश के गृह जिले नालंदा में पुलिस हिरासत में जदयू के एक दलित नेता की मौत पर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रूख अपनाया है. आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. 12 जुलाई को नालंदा पुलिस थाने में दलित नेता गणेश रविदास का शव खिड़की से झूलता हुआ पाया गया था. पुलिस ने इसे आत्महत्या करार दिया है लेकिन मृतक के परिजन पुलिस पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. मानवाधिकार आयोग ने पुलिस की खोली पोल मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है. दरअसल गणेश रविदास को पुलिस ने अपहरण के एक मामले में हिरासत में लिया था. बाद में उसका शव थाने में ही खिड़की से झूलता हुआ पाया गया. पुलिस के मुताबिक गणेश रविदास को गांव की ही एक लड़की के अपहरण के मामले में हिरासत में लिया गया था. उसने बाथरूम जाने को कहा तो हाजत से निकाल कर उसे बाथरूम ले जाया गया, वहीं उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लेकिन पुलिस की इस कहानी में मानवाधिकार आयोग ने कई गड़बड़ी पकड़ी है. आयोग के मुताबिक सरकार और पुलिस ने मानवाधिकार का घोर उल्लंघन किया है. नियमों के मुताबिक पुलिस कस्टडी में मौत के 24 घंटे के भीतर मानवाधिकार आयोग को रिपोर्ट भेजी जाती है. लेकिन बिहार पुलिस ने ऐसा नहीं किया. 6 हफ्ते में जवाब दे सरकार मानवाधिकार आयोग ने बिहार के DGP से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. क्या इस वाकये की मजिस्ट्रेट से जांच करायी गयी? पोस्टमार्टम किसने किया और क्या रिपोर्ट आयी. सरकार ने अगर कोई दूसरी जांच करायी तो उसमें क्या पाया गया? घटना की रिपोर्ट तत्काल मानवाधिकार आयोग को क्यों नहीं की गयी. गौरतलब है कि मृतक के परिजन नालंदा के थानेदार और स्थानीय चौकीदार पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. उनके मुताबिक मृतक के शरीर पर चोट के कई निशान थे. इससे स्पष्ट है कि गणेश रविदास को थाने में बुरी तरीके से प्रताड़ित किया गया. मानवाधिकार आयोग इन तमाम आरोपों पर जबाव मांग रहा है.