मोतिहारी: दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, परिजनों में मचा कोहराम प्रशांत किशोर ने लालू के साथ-साथ राहुल गांधी पर बोला बड़ा हमला, कहा..संविधान लेकर घूमने वाले क्या अंबेडकर के अपमान का जवाब देंगे? BIHAR: मिट गया माथे पर लगा कलंक: पॉक्सो एक्ट में बुरी तरह से फंस चुके केशव को मिला नया जीवन दान नीट 2025 में गोल इन्स्टीट्यूट के छात्रों ने लहराया परचम, 5400 से अधिक छात्र सफल, 527 छात्रों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की उम्मीद Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप BIHAR: शादी के 3 साल बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप KATIHAR: डॉक्टर-पुलिस की मिलीभगत से कोर्ट को गुमराह करने का मामला उजागर, 82 वर्षीया महिला को जेल भेजने की धमकी, सोशल एक्टिविस्ट ने किया पर्दाफाश BIHAR CRIME: मोतिहारी एसपी के नाम पर बनाया फेक फेसबुक अकाउंट, साइबर ठगों ने की पैसे की मांग Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह
07-Oct-2024 06:39 AM
By First Bihar
PATNA : नवरात्रि का पांचवे दिन मां स्कंद माता की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा का पांचवा रूप है। मान्यता है कि देवी स्कंदमाता की पूजा करने से व्यक्ति संतान सुख की प्राप्ति होती है। आइए नवरात्रि के पांचवे दिन जानते हैं स्कंद माता की संपूर्ण पूजा विधि, भोग, आरती और मंत्र जाप के बारे में।
दरअसल, आज के दिन मां के स्वरुप की बात करें तो मान्यता के अनुसार, स्कंदमाता चार भुजाओं वाली हैं, माता अपने दो हाथों में कमल का फूल लिए दिखती हैं। एक हाथ में स्कंदजी बालरूप में बैठे हैं और दूसरे से माता तीर को संभाले हैं। मां स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसीलिए इन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है।स्कंदमाता का वाहन सिंह है। शेर पर सवार होकर माता दुर्गा अपने पांचवें स्वरुप स्कन्दमाता के रुप में भक्तजनों के कल्याण करती हैं।
नवरात्रि के पांचवे दिन सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से शुद्धिकरण करें फिर एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें और उसे चौकी पर रखें। अब पूजा का संकल्प लें। इसके बाद स्कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाकर नैवेद्य अर्पित करें। अब धूप-दीपक से मां की आरती और मंत्र जाप करें। स्कंद माता को सफेद रंग बहुत प्रिय है।इसलिए भक्त सफेद रंग के कपड़े पहनकर मां को केले का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां सदा निरोगी रहने का आशीर्वाद देती हैं।
बताते चलें कि मान्यता है कि नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा करने से जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, उनकी इच्छा माता पूरी करती हैं. आदिशक्ति का यह स्वरूप संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण करनेवाला माना गया है। स्कंदमाता की पूजा में कुमार कार्तिकेय का होना जरूरी माना गया है।मां की कृपा से बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।पारिवारिक शांति की बनी रहती है।