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06-Apr-2024 11:27 AM
By First Bihar
SIWAN : बिहार के सिवान से एक रोचक खबर निकल कर सामने आ रही है। यहां जाली स्टांप छाप कर आसपास के कई राज्यों में खपाने के धंधे का खुलासा हुआ है। ये धंधेबाज बिहार-यूपी समेत कई प्रदेशों की सरकारों को चूना लगा रहे थे। अब पुलिस ने इसका भंडाफोड़ कर दिया है। सीवान में यह गिरोह जाली स्टांप की छपाई कर यूपी सहित कई राज्यों में सप्लाई करता था। अब इस मामले में पुलिस ने दो सप्लायरों और पांच वेंडरों को गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, सीवान में स्टांप वेंडरों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जाली स्टांप खपाया जा रहा था। गिरोह ने अब तक कितने अरब का चूना लगाया, इसकी जांच जारी है। इनके पास से न्यायिक और गैर न्यायिक करीब 1 करोड़, 52 हजार, 30 रुपये के जाली स्टांप और प्रिंटिंग से सम्बन्धित उपकरण मिले हैं। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि पकड़े गए दोनों सप्लायरों में 84 साल का मोहम्मद कमरूद्दीन और उसका नाती साहेबजादे है। ये दोनों सीवान के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बस्ती के रहने वाले हैं।
उन्होंने बताया कि, इन दोनों ने जाली स्टांप का प्रिंटिंग प्रेस लगा रखा था। कमरूद्दीन ने ससुर से जाली स्टांप की छपाई सीखी थी। उसके बाद उसने बेटे और नाती को भी सिखा दिया। कमरूद्दीन के नाती साहेबजादे ने तो स्टांप के सिक्योरिटी फीचर पर आधारित कोर्स भी किया था। एसएसपी डॉ. गौरव ने बताया कि एसआईटी ने दोनों सप्लायरों के अलावा गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर के पांच स्टांप वेंडरों को गिरफ्तार किया है। दोनों सप्लायरों के जरिए ये वेंडर खुद जाली स्टांप बेचने के साथ सप्लाई भी देते थे। यह गिरोह लम्बे समय से इस धंधे से जुड़ा हुआ है।
एसएसपी डॉ. गौरव ने बताया कि गोरखपुर कचहरी में 50 हजार रुपये के जाली स्टांप पकड़े गए थे। 10 जनवरी, 2024 को इस मामले में कैंट थाने में केस दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई की निगरानी में एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने 19 जनवरी को गोरखपुर के स्टांप वेंडर रविदत्त मिश्र को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ के बाद गिरोह को दबोचने में सफलता मिली।