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21-Feb-2022 07:17 PM
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DESK : देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र दीक्षित हमारे बीच नहीं रहे। सोमवार की दोपहर लगभग दो बजे कानपुर स्थित अपने निजी आवास पर उन्होंने आखिरी सांस ली। इस खबर को सुनते ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके अचानक चले जाने से हर कोई स्तब्ध है।
शैलेंद्र दीक्षित ने बिहार में निष्पक्ष पत्रकारिता को स्थापित करने का काम किया। वे एक निर्भिक पत्रकार के रूप में जाने जाते थे। सोमवार को कानपुर के निजी अस्पताल में हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। पटना स्थित एक हिन्दी दैनिक के संपादक पद से वे 2014 में सेवानिवृत हुए थे।
शैलेंद्र दीक्षित बेशक यूपी के रहनेवाले थे लेकिन बिहार से उनका हमेशा जुड़ाव रहा। यही वजह रहा कि पटना में लंबे समय तक अपनी सेवा देने के बाद भी उन्होंने पटना नहीं छोड़ा। सक्रिय पत्रकारिता के दौरान उन्होंने पत्रकारों को निर्भिकता का पाठ पढ़ाया और पत्रकारों की एक बड़ी फौज खड़ी कर दी।
आज देश के शीर्ष मीडिया संस्थानों में उनके साथ कार्य कर चुके पत्रकार अपनी सेवा दे रहे हैं। शैलेंद्र दीक्षित की काम करने की शैली सभी से अलग थी। मीडिया संस्थानों में अपनी सेवा देने के दौरान अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों तक से उनका मधुर संबंध रहा।
शैलेंद्र दीक्षित ने संपादक रहते जिस निर्भीकता और व्यवहार कुशलता का परिचय दिया, उससे पत्रकारों ही नहीं राजनेताओं के बीच भी उनका सम्मानजनक स्थान बन गया था। यही वजह है कि उनके निधन के बाद पत्रकारों के साथ ही राजनीतिक हस्तियों ने भी शोक व्यक्त किया है। शैलेन्द्र दीक्षित का जाना पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने पत्रकारों को सच कहने और लिखने की ताकत प्रदान की। आज पत्रकारिता के पुरोधा शैलेंद्र दीक्षित हमारे बीच नहीं रहे, पत्रकारिता जगत में उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।