ब्रेकिंग न्यूज़

भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप Bihar News: थाने का ड्राइवर ही निकला गांजा तस्कर, SP की नजरों में आने के बाद हुआ खुलासा Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब

मुजफ्फरपुर में एक बुजुर्ग ने कर लिया जीते जी अपना श्राद्ध कर्म, अब मनाई बरसी

मुजफ्फरपुर में एक बुजुर्ग ने कर लिया जीते जी अपना श्राद्ध कर्म, अब मनाई बरसी

05-Nov-2022 05:00 PM

By

MUZAFFARPUR : हिंदू धर्म में जब किसी मनुष्य की मौत होती है तो कर्मकांड के अनुसार श्राद्ध कर्म करवाया जाता है। ऐसे में अब एक मामला बिहार के मुजफ्फरपुर से आ रहा है, जहां एक जीवित बुजुर्ग ने पहले अपना श्राद्ध किया और अब बरसी भी धूमधाम से मनायी। मामला मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र के भरथीपुर का है। मिली जानकारी के अनुसार, यहां भरतीपुर के 75 साल के बुजुर्ग हरिचंद्र दास ने पिछले साल खुद से अपना श्राद्ध किया था। इस साल उन्होंने उसकी बरसी भी मनाई। इस कार्यक्रम में पूरा गांव भी शामिल हुआ। बरसी की पूजा, भजन-कीर्तन, सिर मुंडवाने से लेकर भोज तक के सारे नियम किए गए। इसकी पहचान हरिचंद्र दास (75) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि हम युवावस्था से ही ये सोंचते थे कि अपना श्राद्ध खुद करेंगे, मरने के बाद परिजनों को परेशानी ना हो इसलिए इन कार्यों से इन्हे मुक्त कर दिया। 


इसके आगे उन्होंने बताया कि पहले तो इसको लेकर उनके परिवार और मोहल्ले के लोगों ने पहले मना किया, लेकिन बाद में सब मान गए और खुशी-खुशी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। हरिश्चन्द्र दास के दो पुत्र एवं चार पुत्रियां हैं। ये सभी विवाहित हैं उनकी पत्नी परिवार के साथ रहती हैं। बेटे परदेश में मजदूरी करते हैं। उनका कहना है कि वह अपने परिवार एवं अपने बच्चों के लिए बोझ बनकर जाना नहीं चाहते इसीलिए उन्होंने अपना श्राद्ध कर्म 15 नवंबर 2021 को ही कर दिया था।  तिथि के अनुसार इस साल 4 नंवबर यानि शुक्रवार को अपनी बरसी मनाई।


हरिचंद्र दास ने पूरी विधि-विधान के साथ अपनी बरसी की। पहले सिर मुंडवाया। फिर सफेद धोती पहनी। पंडित ने पूरी विधि के साथ मंत्र भी पढ़े। फिर जो दान की प्रक्रिया होती है। वह भी पूरा की गई। देर शाम तक सारे नियम पूरे किए गए। इसके बाद रात में भोज का आयोजन किया गया। उनके साथ उनकी पत्नी और घर के अन्य सदस्य भी साथ थे।जीवित रहते खुद से अपना श्राद्ध और बरसी करने कारण जब उनसे पूछा गया तो बोले की हम साधु-संत हैं। अपना सारा काम खुद करेंगे जाएंगे। इसलिए अपना श्राद्ध खुद से करते हैं।