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11-Feb-2020 05:26 PM
By HIMANSHU
MOTIHARI : बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है. सरकार इस कानून के सफल होने की खोखले दावे पेश कर्त रहती है. लेकिन सच तो यह है कि सरकारी कर्मचारी हो या वर्दीवाले खुस इस कानून की धज्जियां उड़ाने में लगे रहते हैं. ताजा मामला मोतिहारी जिले का है. जहां सदर अस्पताल में शराब की इतनी बोतलें मिली हैं कि जब पुलिसवालों को नजर पड़ी तो उनकी आंखें फटी की फ़टी रह गईं.
अस्पताल नहीं शराबियों का पिकनिक स्पॉट
घटना पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी सदर अस्पताल की है. जहां कैंटीन के अंदर रात के अंधेरे में शराब का मयखाना सजाया जाता है. ठंडा और चखना के साथ कई वेरायटी की बोतलें खुलती हैं. वैसे टी मोतिहारी सदर हॉस्पिटल पूर्वी चंपारण का सबसे बड़ा अस्पताल है मगर जो तस्वीरें सामने आई हैं. उसे देखकर तो यही लग रहा है कि यह अस्पताल नहीं शराबियों का पिकनिक स्पॉट है.
हॉस्पिटल कैंटीन में मयखाना
अस्पताल के अंदर भारी मात्रा में शराब की बोतलें मिलने की खबर मिलते ही पुलिसवालों के हाथ-पांव फूलने लगे. आनन-फानन में दारोगा जी पुलिसवालों को लेकर दौड़े-दौड़े भागे-भागे अस्पताल पहुंचे. सिपाहियों की मदद से कैंटीन का ताला तोड़ा गया. कैंटीन के अंदर कहीं टेबल पर तो कहीं टेबल के नीचे खाली बोतलें आराम फरमा रही थीं. क्योंकि रात को मयखाना सजाने वाले बोतल को खाली कर के आगे का कार्यक्रम नगर निगम के भरोसे छोड़ दिए.
शराबबंदी का अनोखा सच
कैंटीन की स्थिति देखकर जब दारोगा जी की टीम अस्पताल के कैंपस की ओर मुड़ी तो पीछे उन्होंने देखा कि शराबबंदी कानून का सच औंधे मुंह गिरा पड़ा है. एक नहीं, दो नहीं बल्कि दर्जनों बोतलें फेंकी हुई थीं. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आख़िरकार ये बोतलें आई कहां से ? जब पत्रकारों ने पुलिस से सवाल किया तो वे कुछ भी स्पष्ट बोलने से हिचकते रहें.
डीएम ने की कार्रवाई की बात
इस मामले में जब मोतिहारी के डीएम रमण कुमार से बात की गई तो वे खुद हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना चिंता की विषय है. डीएम ने कहा कि फौरन उत्पाद विभाग की एक टीम का गठन कर मामले की छानबीन की जाएगी. वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल के डॉक्टर अनिल सिन्हा ने भी इस बात पर हैरानी जताई.