पटना में बिना नंबर की थार से विदेशी हथियार बरामद, अपराधियों की साजिश नाकाम Bihar News: बिहार के सरकारी तालाबों को मिलेगी विशिष्ट पहचान, जलनिकायों को मिलेगा नया आयाम Bihar News: बिहार के सरकारी तालाबों को मिलेगी विशिष्ट पहचान, जलनिकायों को मिलेगा नया आयाम New Bypass in Bihar: बिहार में यहां बनने जा रहा है नया बाइपास, मालामाल होंगे इन जिलों के जमीन मालिक! New Bypass in Bihar: बिहार में यहां बनने जा रहा है नया बाइपास, मालामाल होंगे इन जिलों के जमीन मालिक! Bihar Land Survey: बिहार में जमीन के ‘बदलैन’ को सरकार ने दी कानूनी मान्यता, जल्द शुरू होगा सर्वे Bihar News: बिहार में इस रेलखंड पर बिछेगी 53 किलोमीटर रेलवे लाइन, सर्वे का काम हुआ पूरा Bihar Politics: ‘पूरा विश्व देख रहा भारत के 56 इंच का सीना’ ऑपरेशन सिंदूर पर बोले युवा चेतना प्रमुख रोहित सिंह Bihar Politics: पूर्णिया में होने वाली VIP की बैठक की तैयारियां तेज, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने की समीक्षा Bihar Politics: पूर्णिया में होने वाली VIP की बैठक की तैयारियां तेज, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने की समीक्षा
03-Jan-2021 03:01 PM
By
MOTIHARI : बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है. शराबबंदी कानून को लागू हुए लगभग 4 साल से अधिक समय बीत चुका है लेकिन इसके बावजूद भी राज्य के तमाम जिलों में धड़ल्ले से शराब की बिक्री की जा रही है. शराब जब्ती से जुड़ा हुआ एक अजीबोगरीब मामला मोतिहारी जिले से सामने आया है, जो काफी हैरान करने वाला है. दरअसल शराब जब्ती के एक मामले में मोतिहारी पुलिस ने मरे हुए एक व्यक्ति को सरकारी गवाह बना दिया है. पुलिस की इस बड़ी लापरवाही को देखते हुए कोर्ट ने शराब के साथ पकड़े गए तस्कर को जमानत दे दी है. इसके साथ ही सरकारी वकील ने एसपी को पत्र लिखकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को कहा है.
मामला पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली थाना इलाके का है, जहां एक दुकान से शराब बरामदगी के मामले में मृत व्यक्ति को सरकारी गवाह बनाने के बाद कोर्ट ने शराब के साथ पकड़े गए तस्कर को जमानत दे दिया. बताया जा रहा है कि मोतिहारी पुलिस ने शराब बरामदगी के मामले में मृत व्यक्ति को ही सरकारी गवाह बना दिया था. इतना ही नहीं, उससे स्वेच्छा से हस्ताक्षर भी कराया गया था.
उत्पाद विभाग के स्पेशल कोर्ट ने इसे पुलिस विभाग की घोर लापरवाही मानते हुए शराब के साथ पकड़े गए तस्कर को जमानत दे दी है. कोर्ट ने इसके साथ ही सरकारी वकील को भी फटकार लगाई और निर्देश दिया कि पुलिस अधिकारियों को सजगता के साथ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा जाए. इसके बाद सरकारी वकील ने एसपी नवीन चंद्र झा को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है.
इस मामले को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. आखिर एफआईआर करानेवाले दारोगा और दर्ज करनेवाले थानाध्यक्ष में से किसपर गाज गिरेगी. दरअसल सुगौली में 25 नवंबर को जब कोबेया चौक पर छापेमारी की गई थी तो उसके 108 दिन पहले ही केस में सरकारी गवाह बने विजय साह की मौत हो चुकी थी. विजय साह की मौत 10 अगस्त को ही हो गई थी. उसके मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर हारून मियां को जमानत दी गई है.
इस मामले को लेकर मोतिहारी के डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं आया है. जांच मिलने पर जांच की जाएगी. दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को बताया जायेगा. हम आपको बता दें कि सुगौली थाना कांड संख्या 585/20 दिनांक 25 नवंबर को दर्ज किया गया है. दारोगा मंटू कुमार राय के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इस मामले में कहा गया है कि गुप्त सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के कोबेया चौक के मुख्य सड़क पर स्थित भूजा मीट के दुकान में एक व्यक्ति शराब बेंच रहा है. इसके आधार पर छापेमारी की गई। इस दौरान एक भूजा मीट के दुकान से एक व्यक्ति भागने लगा. इसे पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार तस्कर थाना क्षेत्र के कोरैया गांव निवासी हारून मियां था. इस दौरान दो स्वतंत्र साक्षी सुगांव के पवन झा व कोबेया गांव का विजय साह की उपस्थिति में दुकान से पांच लीटर चुलाई शराब बरामद किया गया. इसके बाद दोनों स्वतंत्र साक्षियों ने अपने स्वेच्छा से हस्ताक्षर बना दिया.