लुधियाना में सीतामढ़ी की बेटी की दर्दनाक मौत, शादी के दबाव में आकर केमिकल टैंक में कूदकर दी जान सीतामढ़ी में एटीएम बदलकर ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब, तीन साइबर फ्रॉड गिरफ्तार चुनाव से पूर्व मोतिहारी में बड़ी कार्रवाई: मुखिया पति कमरुद्दीन मियां के घर से हथियार और लग्जरी गाड़ियां बरामद Bihar Police News: बिहार के इस जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, तीन नए थानाध्यक्षों की हुई तैनाती; दो लाइन हाजिर Bihar News: बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पहुंचीं गयाजी, विष्णुपद मंदिर में मां सुषमा स्वराज का किया पिंडदान Bihar News: बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पहुंचीं गयाजी, विष्णुपद मंदिर में मां सुषमा स्वराज का किया पिंडदान Bihar Police Modernization: आधुनिक हथियारों से लैस होगी बिहार पुलिस, केंद्र सरकार ने जारी किए इतने करोड़; अपराधियों की अब खैर नहीं Bihar Police Modernization: आधुनिक हथियारों से लैस होगी बिहार पुलिस, केंद्र सरकार ने जारी किए इतने करोड़; अपराधियों की अब खैर नहीं बिहार में बकरी के लिए चली गोली, युवक की मौत, सौतेले भाई ने दिया घटना को अंजाम हम नहीं सुधरेंगे, राहुल-तेजस्वी ने खाई कसम, एक बार फिर प्रधानमंत्री और उनके माता जी का किया अपमान: नित्यानंद
10-Jun-2024 08:04 AM
By First Bihar
DESK : पीएम नरेंद्र मोदी ने कल लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली है। इसके साथ ही मंत्री के रूप में कुल 71 नेताओं ने मंत्री पद का शपथ ग्रहण किया है। इसके साथ ही मोदी कैबिनेट में इस बार एक नया रिकॉर्ड भी कायम किया है। यह रिकॉर्ड है कि कैबिनेट में मंत्री पद के लिए छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को शामिल करने का। पीएम मोदी की कैबिनेट में इस बार कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को जगह मिली है, जिनमें राजनाथ सिंह, जीतन राम मांझी, मनोहर लाल, एच डी कुमारस्वामी, सर्बानंद सोनोवाल और शिवराज सिंह चौहान जैसे चेहरे शामिल हैं। इसके अलावा कैबिनेट में कई नए चेहरों को भी जगह दी गई है।
दरअसल, रविवार शाम को पीएम मोदी के साथ कुल 71 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली है। कैबिनेट में कुल तीस मंत्रियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा मोदी सरकार 3.0 में पांच स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री भी बनाए गए हैं। वहीं 36 सांसदों को राज्यमंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही इस कैबिनेट में 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी जगह मिली है। जिसमें कई नाम काफी चर्चित रहे हैं।
जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिली है उनमें शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), राजनाथ सिंह (उत्तर प्रदेश), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), सर्बानंद सोनोवाल (असम), एच डी कुमारस्वामी (कर्नाटक) और जीतनराम मांझी (बिहार) शामिल हैं। इनमें से पांच पूर्व मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी से हैं, जबकि कुमारस्वामी जनता दल-सेक्युलर और मांझी हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जानकारी हो कि बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बनाए गए हैं। मांझी पहली बार वर्ष 1980 में कांग्रेस के टिकट पर गया के फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। इसके बाद मांझी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह लगातार राजनीति में सक्रिय हैं। जीतनराम मांझी उस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए थे, जब साल 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी जगह जीतनराम मांझी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि जीतनराम मांझी को 10 महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं, जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के सांसद एचडी कुमारस्वामी ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी वर्ष 2006 से 2007 के बीच और 2018 से 2019 के बीच दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह लोगों के बीच कुमारन्ना के नाम से जाने जाते हैं। सर्बानंद सोनोवाल को वर्ष 2016 के असम विधानसभा चुनाव के बाद असम के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था और वह असम में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री बने थे।
उधर, मनोहर लाल खट्टर की पहचान एक राजनेता के तौर पर कम और आरएसएस के प्रचारक के तौर पर ज्यादा रही है। वर्ष 2014 में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बहुमत में आने के बाद खट्टर को राज्य में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था और उन्हें पार्टी ने मुख्यमंत्री पद से नवाजा था। खट्टर ने करीब 10 साल तक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की सेवा की। राजनाथ सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। राजनाथ ने अपनी सियासी पारी साल 1974 में शुरू की थी और 1977 में वह पहली बार विधायक चुने गए थे।
वर्ष 1988 में एमएलसी बनने के बाद 1991 में यूपी के शिक्षा मंत्री बने। इस दौरान उन्होंने कई क्रांतिकारी फैसले लिए थे। इसके बाद साल 1994 में वह राज्यसभा सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 1999 में पहली बार उन्हें केंद्रीय परिवहन मंत्री बनाया गया। इस दौरान उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट नेशनल हाई-वे डेवलेपमेंट प्रोग्राम (NHDP) की शुरुआत की। अक्टूबर, 2000 में वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। इस दौरान वह बाराबंकी की हैदरगढ़ सीट से विधायक चुने गए थे।