जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं
19-Dec-2022 06:58 AM
By
DESK : लियोनल मेसी की बदौलत अर्जेंटीना का फुटबॉल वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना पूरा हो गया। अर्जेंटीना ने रविवार देर रात खेले गए फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में फ्रांस को पेनल्टी शूट आउट में 4-2 से हरा दिया। इस मैच के तय 90 मिनट तक दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर रही। इसके बाद भी एक्स्ट्रा टाइम के बाद मुकाबला 3 -2 पर रहा था। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ। फाइनल में मेसी ने दो गोल किए। वहीं, फ्रांस के लिए किलियन एमबाप्पे ने हैट्रिक जमाई।
बता दें कि, अर्जेंटीना ने 36 साल बाद फीफा वर्ल्ड कप जीता है। इससे पहले उसे 1986 में इस टीम को खिताबी कामयाबी मिली थी। अर्जेंटीना का यह ओवरऑल तीसरा खिताब है। टीम 1978 में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। वहीं, फ्रांस का लगातार दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना अधूरा रहा गया। टीम 2018 में चैंपियन बनी थी। फ्रांस दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में हारा है। इससे पहले उसे 2006 में इटली के खिलाफ फाइनल मुकाबले में पेनल्टी शूटआउट में हार मिली थी। इसके साथ हीअपना आखिरी विश्व कप खेल रहे लियोनेल मेसी की अधूरी ख्वाहिश पूरी हो गयी जिससे वह 2014 में चूक गये थे। डिएगो माराडोना (1986) के बाद उन्होंने अपनी टीम को दूसरी बार विश्व कप दिलाकर महानतम खिलाड़ियों की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया।
गौरतलब हो कि, मैदान पर भारी तादाद में जमा दर्शकों और दुनिया भर में टीवी के सामने नजरें गड़ाये बैठे फुटबॉल प्रेमियों की सांसें रोक देने वाले रोमांचक मैच में पासा पल पल पलटता रहा। अर्जेंटीना ने 80वें मिनट तक मेस्सी (23वां मिनट) और एंजेल डि मारियो (36वां मिनट) के गोलों के दम पर 2-0 की बढत बना ली थी।
लेकिन, एमबाप्पे ने 80वें और 81वें मिनट में दो गोल करके मैच को अतिरिक्त समय तक खींच दिया।अतिरिक्त समय में मेसी ने 108वें मिनट में गोल दागा तो एमबाप्पे ने दस मिनट बाद फिर बराबरी करके मैच को पेनल्टी शूटआउट तक पहुंचा दिया। शूटआउट में सब्स्टीट्यूट गोंजालो मोंटियेल ने निर्णायक पेनल्टी पर गोल दागा जबकि फ्रांस के किंग्स्ले कोमैन और ओरेलियेन चोउआमेनी गोल करने से चूक गये।