Bihar Crime News: ‘ये नहीं मैं इन्हें भगाकर ले आई हूं’ लड़की ने घर के भागकर रचाई शादी, वीडियो जारी कर की यह अपील Bihar Crime News: ‘ये नहीं मैं इन्हें भगाकर ले आई हूं’ लड़की ने घर के भागकर रचाई शादी, वीडियो जारी कर की यह अपील एक गांव ऐसा भी: पहली बार किसी छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, आजादी के बाद ऐतिहासिक उपलब्धि; दिलचस्प है कहानी एक गांव ऐसा भी: पहली बार किसी छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, आजादी के बाद ऐतिहासिक उपलब्धि; दिलचस्प है कहानी Bihar News: पोखर में डूबने से सास-बहू की दर्दनाक मौत, शादी की खुशियां मातम में बदलीं Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा EC, शुरू कर दिया यह बड़ा जरूरी काम Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा EC, शुरू कर दिया यह बड़ा जरूरी काम Bihar News: तेज रफ्तार ट्रक ने एम्बुलेंस को मारी जोरदार टक्कर, हादसे में प्रेग्नेंट महिला की मौत, चार लोग घायल Bihar News: तेज रफ्तार ट्रक ने एम्बुलेंस को मारी जोरदार टक्कर, हादसे में प्रेग्नेंट महिला की मौत, चार लोग घायल Bihar News: सड़क हादसे में पति की मौत के बाद पत्नी की भी गई जान, तीन मासूम के सिर से उठा मां-बाप का साया
15-Jan-2024 06:56 AM
By First Bihar
PATNA : आज (सोमवार, 15 जनवरी) मकर संक्रांति है। ये पर्व सूर्य के मकर राशि में आने पर मनाया जाता है। दक्षिणायन समाप्त हो जाएगा और अब 6 महीनों तक सूर्य उत्तरायण रहेगा। ठंड कम होने लगेगी, गर्मी बढ़ेगी। दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी। शास्त्रों में बताया गया है कि मकर संक्रांति से देवताओं के दिन की शुरुआत होती है। इस दिन कई शहरों में पतंग उड़ाई जाती है।
दरअसल, मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है। जबकि, बाकी पर्व चंद्र की स्थिति के आधार पर मनाए जाते हैं। इस दिन सूर्य पूजा के साथ ही तिल, कंबल, मच्छरदानी, खिचड़ी, गुड़ का दान करने की परंपरा है। पूरे दिन दान-पुण्य, पूजा-पाठ और तीर्थ दर्शन कर सकते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कई मान्यता हैं।
जानिए मकर संक्रांति से जुड़ी 4 मान्यताएं...
1.जब सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य और शनि पिता-पुत्र हैं। शनि अपने पिता सूर्य को शत्रु मानता है, लेकिन एक मान्यता ये है कि मकर संक्रांति पर सूर्य अपने पुत्र शनि देव से मिलने उसके घर जाते हैं। पहली बार जब सूर्य शनि के घर गए थे, तब इनके बीच के मतभेद दूर हो गए थे।
2.मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। शास्त्रों में इसे देवताओं के दिन की शुरुआत माना जाता है। महाभारत युद्ध के बाद भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ही अपने प्राण त्यागे थे। उस समय माना जाता था कि मकर संक्रांति पर मरने वाले लोगों को मोक्ष मिल जाता है। मोक्ष यानी मरने के बाद आत्मा का पुनर्जन्म नहीं होता है।
3. सूर्य के मकर राशि में आने से खरमास खत्म हो जाता है और मांगलिक कार्यों के लिए फिर से शुभ मुहूर्त मिलने लगते हैं। खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं, लेकिन मकर संक्रांति के बाद ये शुभ काम फिर से शुरू हो जाएंगे।
4. राजा भागीरथ के पूर्वजों को मोक्ष नहीं मिला था। पूर्वजों के मोक्ष के लिए देवी गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाना था। देवी गंगा को धरती पर लाने का काम राजा भागीरथ ने अपनी तपस्या से किया था। देवी गंगा धरती पर आईं तो मकर संक्रांति पर भागीरथ के पूर्वजों की अस्थियों से गंगा जल स्पर्श हुआ था और सभी पूर्वजों को मोक्ष मिल गया था। इस मान्यता की वजह से मकर संक्रांति पर गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा है।