ब्रेकिंग न्यूज़

गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा

मैट्रिक की फॉर्म भराई में अवैध उगाही, छात्रों और अभिभावकों का भड़का गुस्सा

मैट्रिक की फॉर्म भराई में अवैध उगाही, छात्रों और अभिभावकों का भड़का गुस्सा

27-Aug-2020 10:19 AM

By Priya Ranjan Singh

SUPAUL : मैट्रिक फॉर्म भराई में छात्रों से अवैध उगाही करने का मामला सामने आया है. दरअसल, छात्रों से सरकारी निर्देश से ज्यादा पैसा लिया जा रहा है.  ताजा मामला सुपौल सदर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेरो का है, जहां के दर्जनों छात्र छात्राओं और अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया है. 


उपस्थित छात्र-छात्राओं और अभिभावकों का आरोप था कि सरकारी निर्देश के अनुसार एससी, एसटी, ओबीसी, बीसी के छात्र छात्राओं का सरकारी रेट 730 रुपये है जबकि सामान्य कोटी के छात्र-छात्राओं के लिए 830 रुपये तय किये गए हैं, लेकिन विद्यालय प्रशासन द्वारा अवैध व मनमाना तरीके से 13 सौ से 14 सौ रुपए तक वसूला जा रहा है. यहां तक की किसी भी छात्र-छात्राओं को फीस की कोई रसीद तक नहीं दी जा रही है, जिससे छात्र और अभिभावक काफी नाराज हैं.


उन्होंने शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों से जांच कर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. जब इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने मामले की अपने स्तर से जांच करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर जितनी राशि ले रहे उसका रसीद नही दे रहे हैं तो गलत है, जो भी उचित कार्यवाई होगी जांच के बाद की जाएगी.