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09-Oct-2023 08:22 PM
By First Bihar
PATNA: 2 अक्टूबर को बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया। जिसके बाद से इसके आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं। बीजेपी भी लगातार इसे लेकर बिहार सरकार सवाल पूछ रही है। बीजेपी का कहना है कि निशाने पर वो जातियां है जो महागठबंधन को वोट नहीं देती है। भाजपा ऐसी साजिश का मुंहतोड़ जवाब देगी। वैश्य और कुशवाहा को अतिपिछड़ा सूची से बाहर करने की साजिश की गयी है वही मुसलमानों की तीन ऊंची जातियों को अतिपिछड़ों की सूची में रखा गया है जो बिल्कुल ही गलत है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के इशारे पर तेली, तमोली, चौरसिया,दांगी सहित आधा दर्जन जातियों को अतिपिछड़ा सूची से बाहर करने की जो साजिश रची जा रही है, उसे हम सफल नहीं होने देंगे। भाजपा इसका मुंहतोड जवाब देगी।
सुशील मोदी ने कहा कि वैश्य एवं कुशवाहा समाज को बाँटने और इनकी आबादी कम दिखाने की मंशा जातीय सर्वे में उजागर हो चुकी है। दूसरी तरफ राजद के एक विधान परिषद सदस्य वैश्य एवं कुशवाहा जातियों को अतिपिछड़ा सूची से बाहर कराने के लिए पदयात्रा और सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन अतिपिछड़ी जातियों ने महागठबंधन को वोट नहीं दिया, उनके विरुद्ध तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। वही मुसलमानों में मल्लिक, शेखड़ा और कुल्हिया ऊँची जातियाँ हैं लेकिन अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल कर इन्हें आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है।
सुशील मोदी ने कहा कि मुसलमानों में जिन्हें शेरशाहबादी जाति का बताया गया है, वे बांग्लादेशी हैं और बांग्ला बोलते हैं। सुरजापुरी को मुस्लिम जाति दिखाया गया है, जबकि सुरजापुरी भाषा है। इन सारी विसंगतियों और त्रुटियों को दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऊँची जातियों के मुसलमानों को अतिपिछड़ा सूची से बाहर कर अतिपिछड़ों की हकमारी बंद की जानी चाहिए।