मौसी की बेटी से एकतरफा प्यार करने वाले सनकी ने बीच सड़क पर मचाया तांडव, विरोध करने पर चलाई बहन के ऊपर गोली हाजीपुर में बोले विजय सिन्हा..जिस दिन तेजस्वी अपने पिता लालू की राह को छोड़ देगा, उसी दिन देश से आतंकवाद का सफाया हो जाएगा Bihar Crime News: अंशु हत्याकांड का खुलासा, दोस्त ही निकला कातिल CISCE ISC ICSE Board Result 2025: 10वीं-12वीं का रिजल्ट कल होगा जारी, इस तरह से करें चेक Mob Lynching: “पाकिस्तान जिंदाबाद” बोलने पर युवक की हत्या, 15 गिरफ्तार घरेलू विवाद ने लिया खौफनाक मोड़: पति ने पत्नी का सिर मुंडवाया, गाली-गलौज और धमकी के बाद FIR दर्ज Bihar News: बिहार के इस जिले में खुदाई के दौरान मिली अष्टधातु की बेशकीमती मूर्ति, दर्शन के लिए जमा हुई लोगों की भीड़ चारधाम यात्रा 2025: पहलगाम हमले के बाद उत्तराखंड में सुरक्षा के कड़े प्रबंध, 6000 पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल की तैनाती राज्य में ‘स्वच्छ बिहार’ पोर्टल लॉन्च, स्वच्छता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम Czech Princess's Lost Ring: राजकुमारी की 22 लाख की अंगूठी खोई तो 2 दिन में ढूंढ कर निकाला, ठुकराए इनाम के 5 लाख रुपए
29-Mar-2020 09:37 AM
By
PATNA: लॉकडाइन में कई शहरों में फंसे बिहार के लाखों लोग फंसे हैं. जब रोजी रोटी इस लॉकडाउन ने छिन लिया तो वह अपने घरों के लिए निकलने लगे. लेकिन सबसे अधिक परेशानी गाड़ियों को लेकर हो रही है. लॉकडाउन में सबकुछ बंद है. फिर भी हजारों लोग मजबूरी में पैदल ही कई शहरों से चल दिए हैं. भूखे से परेशान है फिर ही दिन रात चलते जा रहे हैं, उनके न तो पैर रूक रहा है कि न इनके आंखों के आंसू.
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से बिहारियों आ रहे हजारों लोग
सबसे अधिक इस लॉकडाउन का असर बिहार के लोगों पर दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में काम करने वाले लोगों पर पड़ा है. इन शहरों के मकान मालिकों ने भी कम जुर्म नहीं ढाया है. कोरोना के डर के कारण हजारों बिहार के लोगों को घर से निकाल दिया. जिससे विवश लोग अपने घर चल दिए हैं. राजस्थान, बंगाल, के भी मजदूरों का यही हाल है. वह भी पैदल गांव के लिए निकल गए है. सैकड़ों पहुंच भी गए है. हजारों मजदूर केरल, हिमाचल, पंजाब में फंसे हुए हैं. वह घर तो नहीं आ सकते हैं, लेकिन जहां पर पर है वही पर मदद मांग रहे हैं.
हजार किमी चलता आसान नहीं
दिल्ली से बिहार के आना पैदल आसान नहीं है. करीब एक हजार किमी की दूरी है फिर भी लोग पैदल ही चलते आ रहे हैं. इनका पैर रूक नहीं रहा है. सिर्फ एक ही मकसद है कि किसी तरह से वह अपने घर पहुंच जाए. सिर और पीठ पर बैग लिए हुए, हाथ से बच्चे का हाथ पकड़े हुए चलते आ रहे हैं. कई कंधों पर दो-दो बच्चे लिए चल रहे हैं.