नीतीश सरकार ने अपराधियों पर कसी नकेल, मोतिहारी के कुख्यात राहुल सिंह की 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति होगी जब्त कटिहार का चोर गिरोह जमुई में सक्रिय, चकाई पुलिस ने फिल्मी अंदाज़ में एक घंटे में किया 5 लाख की चोरी का खुलासा समस्तीपुर में पुलिस पर हमला, मारपीट की सूचना पर पूर्व मंत्री के घर पहुंची थी टीम, गाड़ी को किया क्षतिग्रस्त 100 करोड़ के फर्जी GST रिफंड घोटाले में CBI की रेड, पटना के तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर सहित 30 पर केस दर्ज BIHAR: वज्रपात की चपेट में आने से बेगूसराय में 2 की मौत, परिजनों के बीच मचा कोहराम Bihar Dsp Transfer: बिहार के 19 अनुमंडल में नए SDPO की पोस्टिंग, पूरी सूची देखें.... Bihar Transfer Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के 105 अधिकारियों का तबादला, वेटिंग वाले 59 अफसरों को मिली नई जगह, पूरी लिस्ट देखें.... Patna News: पटना पश्चिम के दानापुर-नौबतपुर-खगौल-बिक्रम के इन 18 माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की तैयारी...न्यायालय में भेजा गया प्रस्ताव, पूरी लिस्ट देखें.. गया में श्रीविद्या त्रिकोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ का आयोजन, 5 हजार सुहासिनी महिलाओं ने किया एक करोड़ बार श्रीललिता सहस्त्रनाम का अर्चन VIP नेता संजीव मिश्रा ने झखारगढ़ में चलाया जनसंवाद अभियान, भ्रष्टाचार के खिलाफ फूंका बिगुल, कहा..दो दशकों से रुके विकास को मिलेगी नई रफ्तार
09-Nov-2023 04:56 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार विधानसभा में आज भरी सदन में नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को जलील कर दिया. नीतीश कुमार सदन में खड़े होकर जीतन राम मांझी को तू-तड़ाक करते रहे. 111 सालों के बिहार विधानसभा के इतिहास में ऐसा नजारा पहले शायद ही कभी दिखा होगा. नीतीश कह रहे थे कि मांझी को उन्होंने बनाया. लेकिन हकीकत क्या है इसे जान लीजिये.
नीतीश से पुराना है मांझी का राजनीतिक करियर
सबसे पहली बात तो ये है कि जीतन राम मांझी नीतीश कुमार से उम्र में करीब 7 साल बड़े हैं. मांझी का जन्म 1944 में हुआ था. नीतीश कुमार 1951 में इस धरती पर आये. अपने से उम्र में 7 साल बड़े व्यक्ति को तू-तड़ाक और अपशब्दों से संबोधित करने का काम शायद राजनेताओं में सिर्फ नीतीश कुमार ही कर सकते हैं.
मांझी सिर्फ उम्र में ही बड़े नहीं हैं, बल्कि उनका राजनीतिक करियर भी नीतीश कुमार से पुराना है. जीतन राम मांझी पहली दफे 1980 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर विधायक बने थे. 1983 में उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बना दिया गया था. वे 1983 से 1985 तक मंत्री रहे.
अब नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर की कहानी जानिये. नीतीश कुमार 1985 में पहली दफे हरनौत विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. इससे पहले वे न विधायक औऱ ना ही सांसद बने थे. 1985 में जब नीतीश कुमार विधायक बन कर विधानसभा पहुंचे थे तो उसी सदन में जीतन राम मांझी भी मौजूद थे. जब नीतीश कुमार सिर्फ विधायक थे तो उस दौर में भी जीतन राम मांझी राज्य सरकार में मंत्री थे. जीतन राम मांझी 1985 से 1988 तक बिहार सरकार में मंत्री थे.
बता दें कि बिहार विधानसभा ने आज ऐसा नजारा देखा जैसा शायद पहले शायद ही कभी हुआ हो. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन के अंदर दलित तबके से आने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को जमकर जलील कर दिया. नीतीश कुमार काफी देर तक जीतन राम मांझी को तू-तड़ाक करते रहे, नीतीश अपशब्दों की बौछार करते रहे. शर्मनाक ये भी था कि विधानसभा अध्यक्ष से लेकर सत्ता पक्ष के तमाम लोग चुपचाप बैठे तमाशा देखते रहे.
ऐसे शुरू हुआ विवाद
मामले की शुरूआत तब हुई जब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी सदन में बोलने के लिए खड़े हुए. जीतन राम मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति को 1950 के आरक्षण मिल रहा है लेकिन आज तक सरकारी नौकरियों में इस तबके की हिस्सेदारी सिर्फ 3 प्रतिशत है. जीतन राम मांझी ने कहा कि आरक्षण बढ़ा दीजिये लेकिन उसे धरातल पर उतरना चाहिये. बिहार सरकार ने भी जो जातीय सर्वेक्षण कराया है, उसके आंकड़े सही नहीं लग रहे हैं.
बेकाबू हो गये नीतीश कुमार
जीतन राम मांझी बोल ही रहे थे कि नीतीश कुमार बेकाबू होकर उठ खडे हुए. उन्होंने जीतन राम मांझी को तू तड़ाक करते हुए बेइज्जत करना शुरू कर दिया. नीतीश ने बोलना शुरू किया-इसको कोई आइडिया है, ये तो मेरी गलती है जो इस आदमी को हमने बना दिया था मुख्यमंत्री. कोई सेंस नहीं है इसके. ऐसे ही बोलता रहता है, कोई मतलब नहीं है.
ये भाग के चला आया था
नीतीश कुमार सदन में बोल रहे थे-हम इसको(जीतन राम मांझी) को कह रहे थे कि आपही लोगों (भाजपा) के साथ रहिये. लेकिन ये भाग कर चला आया था हमारे 7 पार्टियों के गठबंधन में. फिर हम जानकर के भगा दिये उधर. कोई सेंस है
बैठो न यार
नीतीश कुमार की आपत्तिजनक बातों के बीच जीतन राम मांझी बोल रहे थे-ये गलत बात है. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. उधर नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को कह रहे थे-बैठो न यार, अरे सुनो न यार, कुछ जानते हो, बैठो. नीतीश फिर भाजपा विधायकों की ओर मुड़े-2013 में जब आप लोगो को छोड़ दिये थे तो हम इसको(मांझी को) बना दिये थे. दो ही महीना में हमारी पार्टी का लोग कहने लगा कि गड़बड़ है तो हम इसको हटा दिये थे और फिर हम बन गये थे. अब कहता रहता है कि मैं भी मुख्यमंत्री था. अरे, इ क्या मुख्यमंत्री था. इ तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना.
सदन के उपर प्रेस दीर्घा में बैठे पत्रकारों की ओर देखते हुए नीतीश कुमार बोले-आप उपर वाला भी जान लो, बिना मतलब का रोज इसको छापते हैं, कोई सेंस है इसमें. फिर बीजेपी विधायकों को कहा-एक मेरा सुझाव है कि आपही लोगों के पीछे इ घूम रहा है. इ चाहता है गवर्नर बनना. ये हमलोगों के साथ था तब भी जाकर उलटा पुलटा बोलता था. तो लगा दीजिये गवर्नर इसको. अरे बनना चाहता है ये गवर्नर. अरे आप काहे नहीं बनाते हैं गवर्नर. इसको गवर्नर बना दीजिये.
मेरा गदहपनी थी जो इसको बना दिये
नीतीश की बातों के विरोध में बीजेपी विधायकों ने शोर करना शुरू कर दिया. नीतीश बीजेपी विधायकों से भिड़ गये. नीतीश ने कहा कि मेरा गदहपन था जो इसको बना दिये थे. आप लोग अरे गवर्नर काहे नहीं बना देते हैं इसको. गर्वनर बनने के लिए पीछे घूम रहा है. इसके (मांझी के) परिवार का लोग इसके विरोध में है. ये कोई काम का आदमी नहीं है, फालतू है. नीतीश कुमार फिर बीजेपी विधायकों से भिडे-नारा लगा रहे हो, इसको(मांझी को) मुख्यमंत्री कौन बनाया. आप लोग बनाये हैं. भूल गये हो. कौन बनाया था उसको मुख्यमंत्री. मेरी गदहपनी जो इसको मुख्यमंत्री बना दिये. अब कह रहे हो पूर्व मुख्यमंत्री. नीतीश कुमार ने कहा कि मैं जान बूझ कर बोल रहा हूं. हम चाहते हैं कि तुम एक्सपोज हो जाओ. एक्सपोज्ड हो जाओ और इन लोगों के साथ रहो.