ब्रेकिंग न्यूज़

जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं

पिता ने पेट्रोल पंप पर नौकरी कर बेटे को पढ़ाया, IAS बन गोपालगंज के प्रदीप सिंह ने बढ़ाया मान

पिता ने पेट्रोल पंप पर नौकरी कर बेटे को पढ़ाया, IAS बन गोपालगंज के प्रदीप सिंह ने बढ़ाया मान

04-Aug-2020 03:28 PM

By

DESK : 'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, तबीयत से बस एक पत्थर तो उछालो यारो'.  जी हां इसी को सत्य कर दिखाया है बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने. बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने सिविल सर्विसेज-2019 की परीक्षा में 26 वां स्थान हासिल किया है. 

प्रदीप सिंह मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. प्रदीप ने 2018 के सिविल सर्विसेज एग्जाम में भी सफलता पाई थी और उन्होंने 93 वां स्थान हासिल किया था. सिर्फ साढ़े  21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले प्रदीप देश में सबसे कम उम्र के आईएएस की सूची में शामिल हैं.  

पिछले साल दिए गए इंटरव्यू में प्रदीप ने बताया था कि गोपालगंज में हमारे पास थोड़ी सी जमीन थी.  उससे पर्याप्त कमाई नहीं हो सकती थी, इसलिए यह फैसला लिया गया कि घर की महिलाएं खेतों की देखरेख करेंगे और पुरुष बेहतर काम के लिए इंदौर चले गए. गांव में पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रदीप के पिता उन्हें भी अपने साथ इंदौर लेते गए और प्रदीप इंदौर शिफ्ट हो गए. वहां जाकर  प्रदीप सिंह के पिता ने एक पेट्रोल पंप पर गाड़ियों में पेट्रोल भरने का काम करना शुरू कर दिया.  प्रदीप जब आगे जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करने की बात कही तो उनके पिता ने पैसों की कमी आने पर गांव की जमीन बेच दी  और बेटे की पढ़ाई कराई. जमीन बेचकर पिता ने प्रदीप को तैयारी करने के लिए दिल्ली भेज दिया. अपने घर की हालत को देखते हुए प्रदीप ने जी तोड़ मेहनत कर पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली और 93 वां रैंक लाया.