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29-Feb-2020 07:11 PM
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MUMBAI : कहते हैं हर सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है, लेकिन जब महिलाएं किसी मुकाम को हॉल करती हैं तो उनकी मेहनत और लगन ही उनको बुलंदिओं तक पहुंचाती है. ऐसी ही एक कहानी है, कोमल गणात्रा के आईएएस अफसर बनने की. सपने पूरे करने के लिए कोमल ने जी जान लगा दिया. कई कठिनाइयों का सामना करने के बाद कोमल IAS बनी है.
कोमल गणात्रा के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करना आसान नहीं था. कोमल गणात्रा की शादी 26 साल की उम्र में हुई थी. शादी के बाद एक लड़की जो सपने देखती हैं कोमल ने वैसे ही सपने अपने लिए देखे थे, लेकिन जरूरी नहीं हर सपना पूरा हो. शादी के दो हफ्ते बाद पति उन्हें छोड़कर चला गया. पति के छोड़कर चले जाने पर कोई भी इंसान टूट जाता है, लेकिन कोमल ने हिम्मत नहीं हारी. जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. कोमल ने एक इंटरव्यू में कहा "हम सोचते हैं कि शादी हमें परिपूर्ण बनाती है'. मैं भी ऐसा ही सोचती थी, जब तक मेरी शादी नहीं हुई थी. पति के छोड़कर चले जाने के बाद मुझे समझ आ गया था कि जीवन में एक लड़की के लिए शादी ही सबकुछ नहीं है. उसका जीवन इससे भी आगे हैं."
कोमल गणात्रा आज रक्षा मंत्रलालय में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर की हैसियत से काम कर रही हैं. कोमल की पढ़ाई गुजराती मीडियम में हुई है. जिस साल उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की थी उसी साल वह गुजराती लिटरेचर की टॉपर थी. कोमल ने बताया मेरे पिता ने हमेशा मुझे हिम्मत दी है. उन्होंने मुझे समझाया तुम श्रेष्ठ हो. उन्होंने ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. जिसके बाद उन्होंने तीन भाषाओं में अलग- अलग यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया.
शादी से पहले कोमल ने 1000 की सैलरी से अपने करियर की शुरुआत की थी. वह स्कूल में पढ़ाने जाती थी. उन्होंने गुजरात लोक सेवा आयोग (GPSC) का मेंस भी क्लियर कर लिया था. ऐसे में मेरी शादी एक NRI से हुई. लेकिन उस समय मेरे पति नहीं चाहते थे कि मैं GPSC का इंटरव्यू दूं. क्योंकि उन्हें न्यूजीलैंड रहना था. मैंने हालात के साथ समझौते किए और पति की बात मान ली. मेरा मन इंटरव्यू देने का था, लेकिन नहीं दिया. क्योंकि मैं उनसे प्यार करती थी. ऐसे में उनकी बात मान ली. कोमल ने बताया 'मैं ये नहीं जानती थी कि जिससे मैं प्यार करती हूं, वो मुझे छोड़ कर चला जाएगा, वो भी शादी के 15 दिन बाद'.
जब मेरे एक्स- पति न्यूजीलैंड गए तो वहां से उन्होंने मुझे कोई कॉल नहीं किया. जब मुझे मालूम चला कि वो जा चुके हैं तो मैंने सोचा कि मैं उनके पीछे न्यूजीलैंड जाऊंगी और उन्हें वापस लेकर आऊंगी. क्योंकि उस वक्त मेरी दुनिया रुक सी गई थी. मेरी जिंदगी का वो इतना बड़ा झटका था जिसे समझाया नहीं जा सकता. कुछ समय बाद मुझे महसूस हुआ कि किसी भी इंसान को जबरदस्ती अपने जीवन में नहीं लाया जा सकता. साथ ही किसी ही इंसान के पीछे भागना जिंदगी का मकसद नहीं हो सकता है. जिसके मुझे अपने जीवन का लक्ष्य साफ-साफ दिखाई देने लगा.
उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने की ठान ली. इस दौरान कोमल को 5000 रुपये की टीचर की नौकरी मिली. अपने माता-पिता और ससुराल से दूर, कोमल एक ऐसे गांव में जाकर रहने लगी थीं जहां, न तो इंटरनेट था और न ही मैग्जीन और न अंग्रेजी अखबार. लेकिन फिर भी उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी. यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी कोमल ने एक भी छुट्टी नहीं थी. मेंस परीक्षा के दौरान कोमल मुंबई परीक्षा देने जातीं. रातभर ट्रेन में बैठकर मुंबई जाती और रविवार शाम को गांव वापस आती . फिर सोमवार से स्कूल जाती. इंटरव्यू के दौरान उन्हें दिल्ली आना था. तब भी उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली थी. आज वह कई महिलाओं के लिए प्रेरेणा है.