सीवान में मनचलों ने छेड़खानी के दौरान दो लड़कियों पर चाकू से किया हमला, हालत गंभीर गया में सिंदूर महायज्ञ ने रचा इतिहास: अब तक 8 करोड़ आहुतियाँ, विकास और सनातन पर जोर आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली
09-Jun-2024 11:16 AM
By First Bihar
DARBHANGA : दरभंगा घराने के पद्मश्री पंडित रामकुमार मल्लिक (73) का निधन पैतृक ग्राम आमता में हृदय गति रुक जाने से हो गया। वे पंडित विदुर मल्लिक के पुत्र व शिष्य थे। पंडित जी देश-विदेश के प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी गायकी का लोहा मनवाया था। कई सम्मानों से अलंकृत थे। वर्ष 2024 में इनको पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया।
उनकी दो पुत्री रुबी, रिंकी, चार पुत्र संतोष, समित, साहित्य एवं संगीत मल्लिक है। पंडितजी ने अपने सभी पुत्रों और शिष्य को ध्रुपद गायकी के लिए तैयार किया। वे करीब पांच सौ वर्ष से निरंतर चली आ रही ध्रुपद परंपरा की 12 वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते थे। ध्रुपद ने इनका प्रशिक्षण बचपन से ही अपने गुरु और पिता ध्रुपद सम्राट पं. विदुर मल्लिक के मार्गदर्शन में शुरू हुआ।
दादा पंडित सुखदेव मल्लिक से भी संगीत सीखने का अवसर मिला। इनकी गायकी में गौहार वाणी, खंडार वाणी कस सुमधुर प्रयोग स्पष्ट से रूप से दिखाई देता था। इनके जाने से दरभंगा घराना ही नहीं बल्कि संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। पद्मश्री पंडित रामकुमार मल्लिक (73) का निधन शनिवार की रात पैतृक ग्राम आमता में हृदय गति रुक जाने से हो गया। वे पंडित विदुर मल्लिक के पुत्र व शिष्य थे।