Bihar News: नहाने गए 7 वर्षीय मासूम पर मगरमच्छ का हमला, मौत Bihar News: शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, बिहार के 31 हजार से ज्यादा स्कूलों में होगा यह नया काम Bihar News: राजगीर और पटना में बनने जा रहा आधुनिक फोरेंसिक लैब, राज्य सरकार का बड़ा कदम Patna News: पटना को मिली नई रफ्तार, मीठापुर-महुली एलिवेटेड रोड से इन जिलों का सफर होगा सुगम Bihar Weather: उत्तर बिहार में बारिश, दक्षिण में गर्मी का प्रकोप; पटना में इस दिन से राहत BIHAR: बंद बोरे में शव मिलने की अफवाह का वैशाली पुलिस ने किया खुलासा, बोरे से निकला दर्जनों मरा हुआ चूहा BIHAR: कंपाउंडर के बेटे ने नीट में 390 रैंक हासिल कर पिता का सपना किया साकार, पहले प्रयास में मिली सफलता बिहार वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कुमार बने धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य, वैश्य समाज के लोगों ने दी बधाई ROHTAS: जेल से छूटकर आने के बाद भाई के जख्म का लिया बदला, चलती बस में आरोपी को मारा चाकू ARRAH: समाजसेवी अजय सिंह ने बखोरापुर में मनाया जन्मदिन, खिलाड़ियों और छात्रों को किया सम्मानित
04-Jun-2024 09:49 PM
By First Bihar
PATNA: भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के काराकाट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने के बाद चर्चा में आई इस सीट से आखिरकार किसी तीसरे ने बाजी मार ली। एक तरफ जहां उपेंद्र कुशवाहा वोटर्स को गोलबंद नहीं कर सके तो दूसरी तरफ भोजपुरी स्टार पवन सिंह भी चुनावी मैदान में फ्लॉप साबित हो गए। उनकी भूमिका महज एक वोटकटवा की बनकर रह गई।
दरअसल, बीजेपी ने पहली बार पवन सिंह को पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से अपना उम्मीदावर बनाया था लेकिन पवन सिंह से ऐन वक्त पर इस सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतर गए। पवन सिंह की सीधी लड़ाई एनडीए के उपेंद्र कुशवाहा से मानी जा रही थी लेकिन दोनों के बीच सीपीआई के राजा राम सिंह ने बाजी मार ली।
सीपीआई के राजा राम सिंह काराकाट से चुनाव जीत गए। पावर स्टार अपनी चुनावी रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ को वोट में नहीं बदल सके और दूसरे नंबर पर चले गए जबकि उपेंद्र कुशवाहा तीसरे पायदान पर रहे। पवन सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ना भारी पड़ गया। चुनाव में न तो स्टारडम काम आया और ना ही पिछड़ी जातियों को वह गोलबंद कर पाए।
पवन सिंह के फ्लॉप होने की एक बड़ी वजह यह रही कि उनके कार्यकर्ता मजबूत नहीं थे, जो लोगों को पवन सिंह के पक्ष में नहीं कर पाए। निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से मतदाताओं को भोजपुरी पावर स्टार पर भरोसा नहीं था। उनकी रैलियों में भीड़ तो खूब उमड़ी लेकिन उस भीड़ को वह वोट में नहीं बदल पाए। पवन सिंह राजपूत जाति से आते हैं, इसलिए उन्हें राजपूतों का वोट तो मिला लेकिन पिछड़ी जाति के मतदाओं ने उन्हें वोट देने के बजाए सीपीआई के राजाराम सिंह को वोट देना ठीक समझा।