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19-May-2020 06:19 AM
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PATNA : बिहार पुलिस ने अपने कर्मियों के ट्रेनिंग और तबादले की नीति में बड़ा बदलाव किया है। अब सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक की तैनाती किसी भी जिले या इकाई में दूसरी बार नहीं हो पाएगी। मुख्यालय ने जिला रेंज और इकाइयों के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की है और उससे ज्यादा किसी को भी एक ही स्थान पर टिकने नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही साथ ट्रेनिंग के आखिर में होने वाली परीक्षा के नियम भी बदले गए हैं। सिपाही, दारोगा या डीएसपी को इस परीक्षा में फेल होने पर अधिकतम 2 मौके दिए जाएंगे।
सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के कर्मियों के स्थानांतरण की नई प्रक्रिया अगले साल 1 जनवरी से शुरू हो जाएगी। नई तबादला नीति के तहत सामान्य तौर पर अब 6 साल की अवधि पूरा करने के बाद ही तबादला होगा। पुलिसकर्मियों को किसी भी स्थिति में गृह जिला में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी। सिवाय रिटायरमेंट के विकल को इससे अलग रखा गया है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ट्रेनिंग से लेकर पोस्टिंग तक में नियमों को बदला जाएगा। मुख्यालय ने यह तय किया है कि अब हर साल 15 अप्रैल से ट्रांसफर आर्डर निकलेगा और 31 मई तक तबादले के बाद पुलिसकर्मियों को नई जगह पर योगदान कर लेना होगा। डीजीपी ने इस नई व्यवस्था को ट्रांसपेरेंट बताया है।
पुलिस मुख्यालय ने ट्रेनिंग में पहले से ज्यादा सख्ती बरतने का फैसला किया है। नई ट्रेनिंग व्यवस्था में ट्रेनिंग लेने वाले पुलिसकर्मी अगर 30 दिनों तक गायब रहते हैं तो उन्हें फिर से ट्रेनिंग लेनी होगी। किसी भी स्थिति में ट्रेनिंग लेने वालों को 10 दिन से अधिक का अवकाश नहीं मिलेगा और वापस आने पर इनकी ट्रेनिंग अवधि भी अवकाश के अनुसार बढ़ाई जाएगी।