Bihar News: नाबालिग से गैंगरेप मामले में 8 दोषियों को उम्रकैद, 5 लाख मुआवजे का भी आदेश Bihar Crime News: शॉपिंग सेंटर के मालिक पर फायरिंग, बाइक पर सवार होकर आए थे बदमाश Bihar Crime News: 45 वर्षीय की निर्मम हत्या से मची सनसनी, क्रूरता की सभी हदें पार Small Business Ideas: नौकरी की कमाई काफी नहीं? कम निवेश में शुरू करें ये शानदार बिजनेस US Attacks Iran: ईरान-इजरायल जंग में कूदा अमेरिका, 3 परमाणु साइट्स पर बरसाए बंकर बस्टर बम Tejas MK1A: भारतीय वायुसेना में जल्द शामिल होगा 'देशी राफेल', खूबी जान अमेरिकी वैज्ञानिक भी हुए हैरान INDvsENG: रुट ने तोड़ डाला सचिन का रिकॉर्ड, जयसूर्या भी छूटे पीछे Bihar News: रायगढ़ में बिहार के युवक ने समाप्त की जीवन लीला, व्यवसायी के घर करता था रसोइए का काम Bihar News: शराब तस्कर को 5 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना, विशेष अदालत का ऐतिहासिक फैसला Bihar Crime News: गोपालगंज में पुलिस टीम पर हमला, SI समेत 7 जख्मी
04-Sep-2024 02:57 PM
By First Bihar
MUNGER: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार का दावा आए दिन करते हैं। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है। हम बात कर रहे हैं मुंगेर मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर दूर बेलन बाजार स्थित मध्य विद्यालय की जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के सरकार के दावों की पोल खुल रही है। यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सरकार के दावों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
दरअसल इस स्कूल में कुल चार कमरे हैं। एक कमरे में आधा भाग में स्टोर रूम और आधा भाग में स्कूल का कार्यालय है। एक छोटे कमरे में किचन और दो कमरे को क्लास रूम बनाया गया है। जहां वर्ग एक से लेकर 8 तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है। इस स्कूल में नामांकित छात्रों की संख्या 235 है। यहां बच्चों को पढ़ने और शिक्षकों को पढ़ाने में काफी परेशानी होती है। न शिक्षक सही ढंग से पढ़ा पाते हैं और ना ही छात्र सही ढंग से पढ़ पाते है। एक ही रूम में इतने सारे बच्चे हैं कि गुरूजी क्या बोलते हैं वो कानों तक भी ठीक से नहीं पहुंच पाता है। जिसके कारण बच्चों को उनकी बातें भी समझ में नहीं आती है क्योंकि एक साथ कई शिक्षक पढाते हैं और कई बच्चे पढ़ते हैं।
आलम यह है की कुछ बच्चे कड़ी धूप में भी बरामदे में दरी बिछाकर पढ़ते हैं। स्कूल में समरसेबुल तक नहीं होने के कारण पेयजल की समस्या होती है। बच्चे पानी के लिए तरसते हैं। छात्रों ने बताया की एक क्लास रूम में तीन से चार कक्षा तक के विधार्थियों को कुल 8 शिक्षक एक साथ पढ़ाते है। ऐसे में न तो शिक्षक पढ़ा पाते न तो हम पढ़ ही पाते है । साथ ही स्कूल में पानी की भी समस्या है । बात यह नहीं की शिक्षक पढ़ाना नहीं चाहते है पर जो हाल क्लास का है ऐसे में उनके द्वारा पढ़ाए गए सब्जेक्ट को छात्र नहीं समझ सकते है।
वहीं इस मामले में विधालय के हेडमास्टर जितेंद्र ने बताया की छः माह पूर्व बगल के कन्या मध्य विधालय और उनके विधालय मध्य विधालय बेलन बाजार में अगल अलग समय पर क्लास संचालित होता था जिससे इस स्कूल के भी कमरों को यूज में लाया जा था तो कोई परेशानी नहीं थी पर जब से दोनो स्कूल का समय एक हुआ तब से मात्र दो कमरे में 1 से लेकर 8 तक के क्लास को संचालित करना मजबूरी है । साथ ही बताया की सभी 12 शिक्षक समय पर आते है पर अलग अलग क्लास नहीं होने के कारण उन्हें पढ़ाने में काफी परेशानी होती है और जब सभी बच्चे स्कूल आ जाते है तो फिर बच्चों को बैठने की भी जगह नहीं मिलती है। इसे लेकर कई बार अधिकारियों को भी कहा गया लेकिन आश्वासन के सिवाय आज तक कुछ भी नहीं मिला।