जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं
29-Jul-2021 07:06 PM
By
PATNA: बिहार की बेटी डॉ. देवीना कृष्णा को इंडोनेशिया के एण्डलास विश्वविद्यालय में एडिटर बनाया गया है। बिहार से शिक्षा के क्षेत्र में यह एक बड़ी उपलब्धि है। डॉ. देवीना इंडोनेशिया के विश्वप्रसिद्ध एण्डलास यूनिवर्सिटी में विविध जर्नल की एडिटर बनाई गयी हैं। वर्तमान में पटना वीमेन्स कॉलेज के अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ देवीना जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
डॉ. देवीना कृष्णा ने पद्मश्री डॉ अन्विता अब्बी व प्रो पिके पांडेय जैसे गुरुओं के नेतृत्व में उन्होंने भाषा के ऊपर काफी काम भी किया है। डॉ देवीना ने बताया कि वो भोजपुरी के साथ बिहार की विलुप्त होती क्षेत्रीय भाषाओं मगही आदि पर काफी काम रही हैं। उन्होंने कहा कि वो बिहार की विलुप्त होती भाषाओं को बचाने को लेकर काफी प्रयासरत हैं। यहीं नहीं बिहार के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों के शिक्षा के क्षेत्र में इनका काफी महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
इससे पहले भी बिहार की इस बेटी ने शिक्षा के क्षेत्र में बिहार का नाम रौशन करने के साथ कई और महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। पिछले वर्ष ही डॉ देवीना के लिखे गए जर्नल को यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास ने अपने छात्रों को पढाने का फैसला किया था। इसके अलावें यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में उन्होंने विलुप्ति होती भाषाओं को लेकर सेमिनार में शिरकत की थी।