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09-Jul-2022 09:30 AM
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PATNA : बिहार में लोग गर्मी की मार झेल रहे हैं। लेकिन लोगों के लिए बिजली कटौती इससे भी बड़ी परेशानी बन गई है। एनटीपीसी की छह यूनिट बंद होने के बाद से बिहार में बिजली संकट गहराने लगा है। शुक्रवार की बात करें तो राज्य को जरूरत से 1500 मेगावाट तक कम बिजली सप्लाई की गई। इस कारण लगभग 12 ग्रिड लोडशेडिंग में रखना पड़ा। इसको लेकर शहरों में चार घंटे तक बिजली कटी रही तो वहीं गांव में 10 घंटे तक बिजली सप्लाई बंद है।
अधिकारियों की मानें तो एनटीपीसी कांटी की एक यूनिट बंद होने से बिहार को 133 मेगावाट कम बिजली सप्लाई की गई। नवीनगर की एक यूनिट बंद होने से 525 मेगावाट बिजली कम मिली। बरौनी की तीन यूनिट बंद रही। यूनिट संख्या सात बंद होने से 110 मेगावाट, यूनिट संख्या छह बंद होने से 93 मेगावाट और यूनिट संख्या आठ बंद होने से बिहार को 230 मेगावाट कम बिजली सप्लाई की गई।
एनटीपीसी फरक्का की यूनिट संख्या छह बंद होने से बिहार को 101 मेगावाट कम बिजली मिली। इन यूनिटों में बंद होने के कई कारण बताए जा रहे हैं। किसी का ट्यूब लिकेज हो गई है तो किसी यूनिट में कुछ टेक्निकल गड़बड़ी है। इस कारण बिहार को केंद्रीय कोटा से 1196 मेगावाट कम बिजली सप्लाई हुई।
कुछ प्राइवेट कंपनी ऐसे हैं, जहां बिजली कटौती के कारण कोयले का संकट उत्पन्न हो गया। जीएमआर कमलांगा से बिहार को 170 मेगावाट और जिंदल से 128 मेगावाट बिजली कम मिली। इस तरह एनटीपीसी और प्राइवेट कंपनियों को मिलाकर बिहार को 1494 मेगावाट बिजली कम मिली। बिहार ने खुले बाजार से बिजली खरीदने की कोशिश की, लेकिन इसमें भी दिक्कत आ गई।