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06-Sep-2021 04:07 PM
By DEVASHISH
PATNA : बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ से काफी तबाही मची हुई है। सूबे में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आज केंद्रीय टीम पटना पहुंची। 6 सदस्यीय इस टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह कर रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों के 5 अन्य अधिकारियों को टीम का सदस्य बनाया गया है। बिहार में बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लेने पटना पहुंची केंद्रीय टीम दो दिनों तक बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेगी और तबाही का जायजा लेगी।
इससे पहले केंद्रीय टीम बाढ़ से हुए नुकसान की बाबत राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें पटना स्थित केंद्र सरकार के मंत्रालयों के दो अधिकारी केंद्रीय जल आयोग के निदेशक निगरानी संजीव सुमन और सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता प्रदीप कुमार लाल भी शामिल हुए। टीम दो दिनों तक बिहार में रहकर बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगी।
बिहार के बाढ़ प्रभावित 13 जिलों में बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान का जायजा लेने छह सदस्यीय केंद्रीय टीम सोमवार को गृह मंत्रालय के अधिकारी आरके सिंह के नेतृत्व में पटना पहुंची। सचिवालय स्थित सभा कक्ष में संबंधित विभागों के आलाधिकारियों के साथ बैठक के बाद हेलीकाप्टर से कुशेश्वरस्थान व दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया जाएगा। इस मौके पर आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ से हुए नुकसान पर एक समेकित प्रेजेंटेशन भी दिखाया जाएगा।
दरभंगा में केंद्रीय टीम का स्थल निरीक्षण का कार्यक्रम है। दरभंगा में दरभंगा, समस्तीपुर व मुजफ्फरपुर के अधिकारियों के साथ बाढ़ से हुए नुकसान पर बैठक होनी है। बैठक के बाद टीम पटना लौट आएगी। वहीं दूसरे दिन केंद्रीय टीम भागलपुर व नवगछिया में बाढ़ से हुए नुकसान का हवाई सर्वे करेगी। इसके बाद भागलपुर में टीम के स्थल निरीक्षण का भी कार्यक्रम है। स्थल निरीक्षण के बाद भागलपुर में स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर केंद्रीय टीम पटना लौट आएगी। अगले दिन आपदा प्रबंधन विभाग के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद केंद्रीय टीम वापस दिल्ली लौट जाएगी।
गौरतलब हो कि कई जिलों में बाढ़ से घर बर्बाद हो गए तो कहीं हजारों एकड़ में लगी फसल ही डूब गई। इसे देखते हुए बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम दो दिवसीय दौरे पर आज बिहार पहुंची है। केंद्रीय टीम से पहले बिहार सरकार ने अपने स्तर से बिहार को बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करवाया है।
बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक बिहार में बाढ़ की वजह से कई जिले प्रभावित हुए हैं। लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सर्वेक्षण कर रहे थे। कई जगहों पर लोगों ने तो रोते हुए मुख्यमंत्री को अपनी समस्या सुनाई थी। लगातार विपक्ष भी सरकार पर सवाल खड़े कर रहा था। अब केंद्रीय टीम के दौरे और रिपोर्ट के बाद यह साफ होगा कि आखिर बिहार में बाढ़ की तबाही से कितने का नुकसान हुआ है।
गौरतलब हो कि नेपाल में एक बार फिर शुरू भारी बारिश के कारण वहां से बिहार आ रहीं नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने उत्तर बिहार के सभी जिलों को हाई अलर्ट कर दिया है. जल संसाधन विभाग ने खासकर मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, वैशाली, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण जिलों में तटबंधों की निगरानी का आदेश दिया है.
उत्तर बिहार के साथ-साथ सीमांचल और पूर्वी बिहार में भी नदियां उफाना रहीं हैं. भागलपुर और मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. पूरे बिहार की बात करें तो गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, गंगा, महानंदा नदी सहित 10 प्रमुख नदियां अभी भी कई जगह खतरे के निशान के ऊपर हैं और बाढ़ के पानी में डूबकर अभी तक 53 लोगों की मौत की सूचना मिल चुकी है। आकलन में लगभग चार हजार करोड़ का नुकसान बिहार को बाढ़ से हुआ है जिसकी रिपोर्ट बिहार केंद्र को भेजेगी।