ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: चुनावी तैयारी में जुटे JDU नेता दिव्यांशु भारद्वाज, मोतिहारी में जन संवाद कार्यक्रम का किया आयोजन Bihar News: चुनावी तैयारी में जुटे JDU नेता दिव्यांशु भारद्वाज, मोतिहारी में जन संवाद कार्यक्रम का किया आयोजन PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री मोदी के पूर्णिया दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त, SPG ने संभाली कमान; जमीन से आसमान तक पहरा PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री मोदी के पूर्णिया दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त, SPG ने संभाली कमान; जमीन से आसमान तक पहरा बेगूसराय में सम्राट चौधरी का तीखा हमला, जनसुराज को बताया ‘कुकुरमुत्ता पार्टी’ Earthquake: भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 5.8 मापी गई तीव्रता Earthquake: भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 5.8 मापी गई तीव्रता Bihar Police News: बिहार के इस जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, कई थानों के थानेदार बदले Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़ Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़

औरंगाबाद में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 10 एकड़ में लगी अफीम की खेती को पुलिस ने किया नष्ट

औरंगाबाद में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 10 एकड़ में लगी अफीम की खेती को पुलिस ने किया नष्ट

07-Feb-2023 06:39 PM

By AKASH KUMAR

AURANGABAD: अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बिहार के औरंगाबाद जिले में पुलिस ने नक्सलियों की इकोनॉमी पर हमला किया है। जिससे नक्सलियों को तगड़ा झटका लगा है। आमदनी के एक मुख्य स्त्रोत पर पुलिस के प्रहार से नक्सलियों की आर्थिक रूप से कमर टूट गयी है। 


मदनपुर थाना के सुदूरवर्ती दक्षिणी इलाके बादम और देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना के छुछिया, ढाबी एवं महुआ गांव में करीब 10 एकड़ में हो रही अफीम की खेती को नष्ट किया गया। नष्ट किये गये अफीम की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। नष्ट किये गये अफीम के फसलों की कीमत 20 करोड़ रुपये बतायी जा रही है। फसल के तैयार होने पर इससे भी अधिक की आमदनी हो सकती थी। इस दौरान पुलिस ने ग्रीन अफीम भी बरामद किया है।


औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने मंगलवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मदनपुर थाना के बादम और देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना के छुछिया, ढाबी एवं महुआ गांव के जंगली इलाके में अफीम की खेती किये जाने की खुफिया जानकारी मिली थी। इस सूचना की सत्यता का मुखबिरों से पता लगाया गया। तब जाकर पता चला कि इन इलाकों में जंगली-पहाड़ी इलाके में करीब 10 एकड़ में अत्यधिक नशीले पदार्थ अफीम की खेती हो रही है। अफीम की खेती को लोगों के नजर में नही आने देने के लिए अफीम की फसल के चारों ओर कुछ दूरी तक वैसी फसले लगाई गई है, जिनकी उंचाई अधिक होती है। इसके बाद पुलिस की दो अलग-अलग टीम गठित की गई।


मदनपुर पुलिस की टीम ने थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा के नेतृत्व में बादम गांव पहुंची। पुलिस ने करीब तीन एकड़ खेतों में लगी अफीम की फसल को तहस नहस  कर दिया। वही दूसरी टीम ने देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना के छुछिया, ढाबी एवं महुआ गांव के जंगली इलाके में 7 एकड़ में हो रही अफीम की खेती को पूरी तरह नष्ट कर दिया। उन्होने बताया कि अफीम की फसल को चारो ओर से मक्का व अरहर की फसल से छिपा कर रखा गया था। इन फसलों के बीच अफीम की फसल बोई गयी थी। खेत में अफीम की फसल लहलहा रही थी। फसल में मोटी-मोटी अफीम की गांठे उभर आई थी, जो शीघ्र ही तैयार होने वाली थी। अफीम की फसल के इन्ही गांठों में चीरा लगाया गया था। इन्ही चीरों वाली गांठ से निकलने वाले चिपचिपे पदार्थ को जमा कर अफीम तैयार किया जाता है। 


उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ अफीम की खेती करनेवालो को चिन्हित किया जा रहा है। इस तरह की खेती करनेवालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहा कि माओवादियों द्वारा अफीम की खेती कराने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता। इन इलाके में पहले भी माओवादियों द्वारा अफीम की खेती कराने के कई मामले प्रकाश में आ चुके है। 


पुलिस ने पहले भी अफीम की खेती को नष्ट कर नक्सलियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का काम किया है। नक्सली मादक पदार्थों की खेती से होनेवाली भारी आमदनी का इस्तेमाल अपने संगठन और व्यक्तिगत हित में करते रहे है। फिलहाल  मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बादम के ग्रामीण इलाके के ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस क्षेत्र में पिछले दो सालों से अफीम की यह खेती हो रही थी। ग्रामीणों की माने तो बादम, पिछुलिया, पिपरगढ़ी सहित अन्य इलाको में चोरी छिपे अफीम की खेती हो रही है। 


वही कुछ ग्रामीणों ने कहा कि हमें यह नही मालूम था कि यह फसल अफीम की है। उन्हें बताया गया था कि पोस्ता दाना की खेती की जा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक इस इलाके में लगभग पांच एकड़ में अफीम की खेती की गई थी। यदि अफीम की फसल को बर्बाद नहीं किया जाता तो इससे खेती करने कराने वालो को करोड़ों की आमदनी होती।