Tej Pratap Yadav: "अंधेरा जितना गहरा होगा, सुबह उतनी ही नजदीक होगी", लालू यादव की तस्वीर संग तेज प्रताप ने फिर साझा किया भावुक पोस्ट Bihar Heatwave: 32 जिलों में हीट वेव को लेकर चेतावनी, पारा 42° पार; इस दिन मानसून देगा दस्तक बिहार विधानसभा चुनाव 2025: HAM की 243 सीटों पर तैयारी, मंत्री संतोष सुमन बोले..NDA की होगी भारी जीत BIHAR: जमुई में वंदे भारत ट्रेन से कटकर युवक की मौत, 10 घंटे तक ट्रैक पर पड़ा रहा शव मुजफ्फरपुर में गल्ला व्यापारी लूटकांड का खुलासा, सीसीटीवी फुटेज से खुला राज गोपालगंज डीएम ने सबेया एयरपोर्ट कार्यों में तेजी के दिए निर्देश, नियमित समीक्षा का ऐलान Akshay Kumar की अगली 5 फ़िल्में, हर एक पर लिखा है 'ब्लॉकबस्टर मैटेरियल' Shreyas Iyer: कप्तानी को लेकर श्रेयस अय्यर का बड़ा बयान, IPL ख़त्म होने के बाद पहली बार खुलकर बोले प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम पद नहीं मांगा, बल्कि 2015 में नीतीश कुमार की कुर्सी बचाई थी: जन सुराज के महासचिव ने जेडीयू MLC को दिया करारा जवाब Patna News: पटना में बिहार का पहला डबल डेकर पुल बनकर तैयार, सीएम नीतीश इस दिन देंगे बड़ी सौगात
16-Jan-2020 02:11 PM
By
HAJIPUR : अमित शाह ने एक बार फिर किया कंफर्म कर दिया है कि बिहार में नीतीश के नेतृत्व में ही एनडीए चुनाव लड़ेगा।अमित शाह ने मंच से साफ कर दिया कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृ्तव में ही हम चुनाव लड़ेंगे।भाजपा और जदयू का गठबंधन अटूट है इसमें कोई सेंधमारी नहीं कर सकता । उन्होनें कहा कि केन्द्र में मोदी जी के नेतृत्व में तो बिहार में नीतीश जी के नेतृत्व में हम सरकार चलाएंगे ।
CAA, NRC के पक्ष में लोगों को जागरूक करने देश के गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दुनिया के पहले लोकतंत्र लिच्छिवी गणतंत्र की राजधानी रही वैशाली पहुंचे और विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने फिर कहा कि जदयू से हमारा गठबंधन अटूट है और बिहार में नीतीश के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।इस मौके पर उन्होनें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भी खूब हमला बोला।
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हाल के दिनों में कई बार कंफर्म कर चुके है कि बिहार में नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी अमित शाह ने बिहार में नीतीश के नाम पर मुहर लगाते हुए एनडीए के एकजुट होने का दम भरा था। दरअसल झारखंड में ऐन वक्त पर सुदेश महतो की आजसू को छोड़कर बीजेपी अकेले ही चुनाव मैदान में कूद पड़ी थी। जिसका खामियाजा वहां उसे भुगतना पड़ा था। झारखंड में बीजेपी ने सत्ता से हाथ धो दिया। झारखंड चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को सबक ही दिया था कि सहयोगियों को दरकिनार कर जीत हासिल नहीं की जा सकती। इसके बाद से लगातार बीजेपी नीतीश के नेतृत्व को बिहार में स्वीकार कर चल रही है।
गौरतलब है कि अमित शाह का नीतीश कुमार के प्रति नरम रूख बीजेपी नेतृत्व का महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के बाद अपने सहयोगियों को ख़ुश रखने की नीति के तहत भी है। शाह को मालूम है कि नीतीश कुमार के साथ ज़्यादा लचीलापन ना रखने से शिवसेना की तरह चुनाव बाद वो कोई नया सहयोगी भी चुन सकते है। ऐसे में पार्टी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है।