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03-Jun-2021 08:29 PM
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DESK : बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंतजार करवाने वाले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने आखिरकार लंबे अरसे बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लेकर भारत सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच तनातनी के कारण बन चुके अलपन बंदोपाध्याय ने केंद्र की तरफ से जारी नोटिस पर चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार जवाब दिया है।
अलपन बंदोपाध्याय ने अपने जवाब में कहा है कि प्रधानमंत्री की बैठक के दौरान उन्होंने वही किया जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से निर्देश दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक अलपन ने समीक्षा बैठक के दिन समय सीमा के साथ चीजों को स्पष्ट करते हुए अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि उस वक्त वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ थे और उत्तर और दक्षिण 24 परगना इलाके में चक्रवाती तूफान के बाद हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए तो उनसे मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुमति पर वह दीघा गए थे।
आपको याद दिला दें कि अलपन बंदोपाध्याय उस वक्त पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव थे तब चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी ने वहां समीक्षा बैठक भी की थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय आधे घंटे की देरी से पहुंचे थे और फिर तुरंत वहां से निकल गए थे। इस को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। बाद में ममता बनर्जी ने इस पर सफाई दी थी लेकिन मुख्य सचिव रहे अलपन को केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल से हटाकर दिल्ली बुलाया था। हालांकि अलपन बंदोपाध्याय दिल्ली नहीं आए और केंद्र के साथ इस खींचतान के बीच ममता बनर्जी ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया।