ब्रेकिंग न्यूज़

Sanjeev Mukhiya: संजीव मुखिया की रिमांड अवधि बढ़ी, EOU के सामने अभी कई राज खोलेगा NEET पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड Sanjeev Mukhiya: संजीव मुखिया की रिमांड अवधि बढ़ी, EOU के सामने अभी कई राज खोलेगा NEET पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड पाकिस्तानियों को चुन-चुन कर बाहर निकालने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश, सीएम योगी कर रहे लगातार मॉनीटरिंग Bihar News: संजय जायसवाल को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत, लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर रोक; जानिए.. पूरा मामला Bihar News: संजय जायसवाल को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत, लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर रोक; जानिए.. पूरा मामला Road Accident: सड़क दुर्घटना में छात्रा की मौत के बाद हंगामा, थाने के ड्राइवर का भी फूटा सिर, कई गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: FIR के बाद नेहा सिंह राठौर ने फिर उगला जहर, प्रधानमंत्री मोदी को दे दी सीधी चुनौती Bihar Crime News: यूपी की लड़की के साथ बिहार में गैंगरेप, स्टेशन के पास तीन मनचलों ने जबरन किया गंदा काम Bihar News: इस मामले में पूरे देश में अव्वल बना बिहार, राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ आगे निकला Bihar News: इस मामले में पूरे देश में अव्वल बना बिहार, राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ आगे निकला

हैदराबाद वाले ओवैसी को बिहार की सियासी जमीन माकूल लग रही है, सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार देने की कर रहे तैयारी

हैदराबाद वाले ओवैसी को बिहार की सियासी जमीन माकूल लग रही है, सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार देने की कर रहे तैयारी

17-Sep-2019 02:30 PM

By 7

PATNA : AIMIM यानि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चलाने वाले असदुद्दीन ओवैसी को बिहार की सियासी जमीन अपने माकूल नजर आ रही है. लिहाजा ओवैसी की पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार की तमाम मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी है. ये दीगर बात है कि पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी के इरादों को बिहार ने करारा झटका दिया था. लेकिन लोकसभा चुनाव में किशनगंज में मिले वोटों ने उनके हौंसले को बल दिया है. ओवैसी की पार्टी का इरादा ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने एलान किया है कि उनकी पार्टी बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा है कि अगर कोई समान विचारधारा वाली पार्टी उनसे तालमेल की पहल करती है तो वे उसके साथ समझौता कर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन बिहार में किसी पार्टी ने ओवैसी की विचारधारा का समर्थन नहीं किया है. लिहाजा किसी मुख्यधारा की पार्टी से समझौता हो पाना कतई संभव नहीं है. ऐसे में AIMIM ने मुस्लिम वोटरों की बहुतायत वाली सीटों की पहचान करनी शुरू कर दी है. उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी की जा रही है. ओवैसी की पार्टी का जोर सीमांचल की दो दर्जन सीटों के साथ साथ दरभंगा,मधुबनी, पूर्वी चंपारण के एक दर्जन सीटों पर है जहां मुसलमान वोटरों की तादाद अच्छी खासी है. लिहाजा अभी से ही तकरीबन तीन दर्जन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. लोकसभा चुनाव से मिली ताकत ओवैसी की पार्टी ने 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. बिहार की 6 सीटों पर AIMIM के उम्मीदवार थे. खुद असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज में कई दिनों तक डेरा डाले रखा था. लेकिन जीत की बात तो दूर रही, 6 में 5 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी. ओवैसी की पार्टी को लोकसभा चुनाव परिणाम ने साहस दे दिया है. लोकसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने किशनगंज सीट से अपने उम्मीदवार अख्तरूल ईमान को मैदान में उतारा था. AIMIM के उम्मीदवार को तकरीबन तीन लाख वोट मिले. हालांकि ईमान तीसरे नंबर पर रहे लेकिन चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के मो. जावेद को उनसे सिर्फ 72 हजार वोट ज्यादा मिले. लोकसभा चुनाव में एक सीट पर तीन लाख वोट आने के बाद AIMIM के हौंसले बुलंद है. ओवैसी को लग रहा है कि बिहार में उनका वोट बैंक खडा हो सकता है. लिहाजा 2020 के लिए अभी से ही रणनीति तैयार की जा रही है.