सीवान में मनचलों ने छेड़खानी के दौरान दो लड़कियों पर चाकू से किया हमला, हालत गंभीर गया में सिंदूर महायज्ञ ने रचा इतिहास: अब तक 8 करोड़ आहुतियाँ, विकास और सनातन पर जोर आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली
12-Jun-2024 10:24 PM
By First Bihar
PATNA: शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के साथ ही एस. सिद्धार्थ ने केके पाठक के फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है। बुधवार को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक के बाद एस सिद्धार्थ ने जहां यूनिवर्सिटी के खातों पर लगे बैन को हटा दिया वहीं उन्होंने केके पाठक के एक और फैसले को पलट दिया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस केके पाठक ने सख्त आदेश जारी किया था कि जो बच्चे बिना किसी सूचना के तीन दिन या उससे अधिक स्कूल से अनुपस्थित रहेंगे उनका नाम स्कूल से काट दिया जाएगा। केके पाठक के इस आदेश पर बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों का नाम काट दिया गया था।
केके पाठक के छुट्टी पर जाने के बाद अब शिक्षा विभाग के नए एसीएस एस.सिद्धार्थ ने पाठक के उस आदेश को पलट दिया है। बिहार के सरकारी स्कूलों में अब तीन दिन या उससे अधिक दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं का नाम नहीं काटा जाएगा। अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने इसको लेकर सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है।
शिक्षा विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि किसी भी कारण से जो बच्चे स्कूल नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं उनका नाम नहीं काटा जाए। अगर किसी कारण से बच्चा स्कूल नहीं आ रहे है तो शिक्षक, हेडमास्टर और टोला सेवक बच्चे के घर जाकर उसके अभिभावक से मिलें और बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।