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11-May-2024 06:53 AM
By First Bihar
DESK : अब भारत की तरफ अगर कोई गलत नजर उठा कर देखने की सोचता है तो फिर उसके लिए यह काफी बुरी खबर है। क्योंकि अब भारत की तरफ बुरी नजर डालने वालों की खैर नहीं होगी। भारत ने दुशमन देश की खटिया खड़ी करने का इंतजाम कर लिया है। दरअसल भारतीय सेना को जल्द ही एक खास ड्रोन मिलने जा रहा है, जिसे अडानी डिफेंस ने तैयार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार 18 जून को इंडियन आर्मी को उसका हर्मीस-900 स्टारलाइनर ड्रोन मिल जाएगा जिसे पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किया जा रहा है। दृष्टि-10 ड्रोन के नाम से जाना जाने वाला हर्मीस-900 की सप्लाई अडानी डिफेंस सिस्टम्स द्वारा भारतीय सेना और नौसेना सहित अन्य भारतीय सेनाओं को की जा रही है। इन ड्रोन्स के जरिए सेना पाकिस्तान के आतंकियों को चुन-चुनकर ढेर करेगी।
वहीं, इस ड्रोन को लेकर रक्षा अधिकारियों ने कहा कि "भारतीय सेना को मिलने वाले दो ड्रोनों में से पहला ड्रोन 18 जून को हैदराबाद में सेना को सौंप दिया जाएगा। आपूर्ति रक्षा मंत्रालय द्वारा बलों को दी गई आपातकालीन शक्तियों के तहत हस्ताक्षरित सौदे का हिस्सा है।" उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अपने भटिंडा बेस पर ड्रोन तैनात करेगी। जहां से वह पाकिस्तान के साथ पूरी पश्चिमी सीमा पर नजर रख सकेगी। जबकि पहला हर्मीस-900 इस साल जनवरी में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। दूसरा ड्रोन सेना लेने जा रही है। इसके अलावा, अब तीसरा नौसेना को आपूर्ति किया जाएगा और चौथा सेना को दिया जाएगा।
मालूम हो कि भारतीय सेना ने आपातकालीन प्रावधानों के तहत फर्म से इनमें से दो ड्रोन के लिए ऑर्डर दिए हैं, जिसके अनुसार विक्रेताओं द्वारा आपूर्ति की जाने वाले सिस्टम 60 फीसदी से अधिक स्वदेशी होने चाहिए और रक्षा में मेक इन इंडिया के तहत होनी चाहिए। भारतीय सेना पहले से ही हेरॉन मार्क 1 और मार्क 2 ड्रोन चला रही है और उसने सैन्य बलों के लिए आपातकालीन खरीद की अंतिम किश्त के तहत दृष्टि-10 या हर्मीस-900 ड्रोन के लिए ऑर्डर भी दिए हैं।
उधर, भारतीय वायु सेना ने उच्च क्षमता वाले हेरॉन मार्क 2 ड्रोन को भी शामिल किया है, जो एक ही उड़ान में चीन और पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों को कवर कर सकता है। हेरॉन मार्क 2 को मिसाइलों और अन्य पेलोड को भी अपने साथ ले जा सकता है। भारतीय नौसेना इन्हें पाकिस्तान के साथ समुद्री सीमा पर नजर रखने के लिए पोरबंदर में तैनात करने जा रही है। ये ड्रोन 30 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भर सकते हैं और एक बार में दो हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी भी कवर कर सकते हैं।