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17-May-2022 01:44 PM
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DESK: देश में महंगाई की मार झेल रही आम जनता को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। खुदरा महंगाई के आठ साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद अप्रैल 2022 में थोक महंगाई ने भी रिकॉर्ड कायम कर दिया है। पिछले साल अप्रैल 2021 में थोक महंगाई की दर 10.74 फीसदी थी जो अप्रैल 2022 में बढ़कर 15.08 फीसदी हो गई।
DPIIT यानि डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ने अप्रैल महीने के लिए थोक हंगाई के आंकड़े को जारी कर दिया है। DPIIT के मुताबिक तेल और इंधन की बढ़ी कीमतों के कारण अप्रैल महीने में थोक महंगाई बढ़ी है। आंकड़ों की बात करें तो अप्रैल लगातार 13वां महीना है जब थोक महंगाई की दर 10 फीसदी से ऊपर है।
DPIIT ने बताया है कि अप्रैल 2022 में थोक महंगाई की उच्च दर के लिए मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल्स, क्रूड, पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस, खाने पीने के सामान, नॉन फूड आर्टिकल्स, फूड प्रोडक्ट और केमिकल प्रोडक्ट की कीमतो का बढ़ना जिम्मेदार है। डीपीआईआईटी की मानें तो इन सब चीजों की कीमतें पिछले साल अप्रैल महीने की तुलना में काफी बढ़ी हैं।
बता दें कि इससे पहले सरकार ने खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए थे। जिसके मुताबिक अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई की दर 7.8 फीसदी रही, जो मई 2014 के बाद सबसे अधिक थी। बढ़ती महंगाई को लेकर आरबीआई को अचानक रेपो दर बढ़ाना पड़ा था। आरबीआई ने स्वीकार किया था कि आने वाले कुछ महीनों तक लोगों को महंगाई से निजात नहीं मिलने वाली है।