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04-May-2022 03:50 PM
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DESK : देश में पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों को एक और झटका लगा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लंबे समय बाद अचानक रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। रेपो रेट अब 0.40 फीसदी बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया है। रेपो रेट बढ़ने के साथ ही अब सस्ते लोन का दौर भी समाप्त हो गया है। रेपो रेट बढ़ाने के RBI की इस घोषणा के बाद लोगों के ऊपर EMI का बोझ बढ़ना तय माना जा रहा है।
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था के ताजा हालात पर चर्चा के लिए सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने बैठक की। जिसमें एमपीसी के दस्यों ने रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला लिया। आरबीआई के गवर्नर ने बताया कि देश में बेकाबू होती महंगाई के कारण एमपीसी ने यह फैसला लिया है।
गवर्नर ने बताया कि देश में खाने पीने की चीजों की बढ़ती कीमत के कारण खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी है। मार्च 2022 में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी और 7 फीसदी तक पहुंच गई। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिओपॉलिटिकल टेंशन ने भी महंगाई बढ़ाने का काम किया है। बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग ने ग्लोबल सप्लाई चेन पर बुरा असर डाला है। दोनों देशों के बीच युद्ध के कारण गेहूं समेत अन्य अनाजों के दाम बढ़ गए हैं।
आरबीआई के गवर्नर के मुताबिक रेपो रेट के साथ ही कैश रिजर्व रेशियों यानि CRR को भी 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह फैसला मध्यम अवधि में इकोनॉमिक ग्रोथ के प्रोस्पेक्ट को मजबूत बनाने के लिए लिया गया है। रिजर्व बैंक एमपीसी ने रेपो रेट बढ़ाने के अलावा एकमोडेटिव मॉनीटरी पॉलिसी स्टान्स बरकरार रखने का निर्णय लिया है।
ऐसे में रेपो रेट बढ़ने से आम लोगों की जेब पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। लोगों के बजट में अब बड़ी EMI की सेंध लगने वाली है। सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद होम लोन और कार लोन समेत हर तरह के कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी। ब्याज दर बढ़ने से EMI की रकम बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि बीते 8 अप्रैल को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आरबीआई की रीव्यू मीटिंग हुई थी। जिसके बाद आरबीआई ने पुराने रेपो रेट को बरकरार रखा था लेकिन रेपो रेट को बदलने के संकेत दे दिए थे।