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02-Mar-2025 07:55 AM
By First Bihar
Bollywood News: महेश मांजरेकर के निर्देशन में बनी पहली फिल्म वास्तव (Vaastav) को भारतीय सिनेमा की सबसे दमदार और प्रभावशाली फिल्मों में से एक माना जाता है। यह फिल्म 1999 में रिलीज़ हुई थी और अपनी मजबूत कहानी, बेहतरीन निर्देशन और संजय दत्त (Sanjay Dutt) की करियर-बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए आज भी याद की जाती है। अंडरवर्ल्ड-थीम वाली इस फिल्म ने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी। हाल ही में, वास्तव के निर्देशक महेश मांजरेकर (Mahesh Manjrekar) ने इस फिल्म से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वह संजय दत्त को फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाने शराब पीकर गए थे।
शराब पीकर गए थे महेश मांजरेकर
महेश मांजरेकर ने पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में इस दिलचस्प घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब वह संजय दत्त को वास्तव की स्क्रिप्ट सुनाने गए थे, तब उन्होंने शराब पी रखी थी। महेश ने कहा, "संजू से मिलने से पहले मैं एक रेस्टोरेंट में गया, वहां दो पैग बकार्डी के ऑर्डर किए, वेटर का नोटपैड लिया और फिल्म के पॉइंटर्स लिखने शुरू कर दिए। मैंने एक-एक लाइन में करीब 25 सीन लिखे और फिर मैं रुक गया क्योंकि पूरी स्क्रिप्ट मेरे दिमाग में पहले से तैयार थी।" इसके बाद महेश मांजरेकर फिल्म दुश्मन के सेट पर पहुंचे, जहां संजय दत्त शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि संजय दत्त ने उन्हें देखते ही अजीब सा रिएक्शन दिया और संजय छेल (Sanjay Chel) के सामने उन्हें गालियां देना शुरू कर दिया।
कैसा था संजय दत्त का रिएक्शन?
महेश मांजरेकर ने आगे बताया कि जब वह सेट पर पहुंचे, तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। किसी ने उन्हें सीट तक ऑफर नहीं की। उस समय सेट पर संजय दत्त अपने दोस्त संजय छेल के साथ थे। मांजरेकर के मुताबिक, "संजय दत्त ने जब मुझे देखा तो पहले मेरी तरफ अजीब सा रिएक्शन दिया और फिर पीठ फेर ली। अगले ही पल, वह संजय छेल के सामने मेरी बुराई करने लगे और मुझे गालियां दीं। हालांकि, मुझे सही शब्द तो सुनाई नहीं दिए, लेकिन छेल के एक्सप्रेशन्स देखकर मैं समझ गया कि संजू मेरे बारे में कुछ बुरा बोल रहे हैं।"
महेश मांजरेकर और संजय दत्त की दोस्ती
हालांकि, यह पहला मौका था जब संजय दत्त और महेश मांजरेकर मिले थे, लेकिन आगे चलकर दोनों की जबरदस्त दोस्ती हो गई। वास्तव की सफलता के बाद इस जोड़ी ने कुरुक्षेत्र (2000), हथियार (2002), विरुद्ध (2005) और देसी बॉयज़ (2011) जैसी कई फिल्मों में साथ काम किया।
‘वास्तव’ ने बदला संजय दत्त का करियर
1990 के दशक में संजय दत्त का करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा था, लेकिन वास्तव ने उन्हें इंडस्ट्री में एक नया मुकाम दिलाया। इस फिल्म में उन्होंने रघु नाम के एक आम युवक का किरदार निभाया था, जो हालातों के चलते अपराध की दुनिया में उतर जाता है। फिल्म का क्लाइमेक्स आज भी दर्शकों को इमोशनल कर देता है, जहां रघु अपनी मां (रीमा लागू) के हाथों मारा जाता है। इस रोल के लिए संजय दत्त को बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।
महेश मांजरेकर द्वारा किया गया यह खुलासा बताता है कि फिल्म वास्तव की शुरुआत कितनी दिलचस्प और अनोखी रही थी। यह फिल्म न सिर्फ उनके निर्देशन करियर के लिए अहम थी, बल्कि संजय दत्त के करियर को भी नई ऊंचाइयों तक ले गई। भले ही शुरुआत में संजय दत्त को महेश मांजरेकर पर भरोसा नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने इस प्रोजेक्ट को हाथों-हाथ लिया और नतीजा सबके सामने है। आज भी वास्तव को बॉलीवुड की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में गिना जाता है, और इस फिल्म की सफलता के पीछे छुपी यह अनसुनी कहानी इसे और भी खास बना देती है।