GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी
28-Mar-2025 07:30 AM
By First Bihar
Parenting Tips : समय प्रबंधन का कौशल जीवन में सफलता की कुंजी है। आजकल, बच्चों को इस महत्वपूर्ण गुण के बारे में सिखाना बहुत जरूरी हो गया है। समय का पाबंद बनाना बच्चों के लिए न केवल स्कूल और पढ़ाई में, बल्कि उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में भी फायदेमंद होता है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि आप अपने बच्चों को समय का पाबंद कैसे बना सकते हैं।
समय का मूल्य समझाएं
बच्चों को सबसे पहले यह समझाना आवश्यक है कि समय का मूल्य कितना महत्वपूर्ण है। जब बच्चे यह समझेंगे कि समय की सही उपयोगिता कैसे की जाती है, तो वे खुद-ब-खुद इसे महत्व देंगे। आप उन्हें उदाहरण देकर यह समझा सकते हैं कि समय का सही उपयोग करने से उन्हें अपनी इच्छाएं पूरी करने का समय मिलता है।
समय की रूपरेखा बनवाएं
बच्चों के लिए एक सही दिनचर्या बनाना समय का पाबंद बनने में मदद करता है। एक ठोस दिनचर्या के जरिए बच्चे स्कूल, खेलने, खाने और पढ़ाई के बीच समय का सही विभाजन कर सकते हैं। बच्चों को सुबह उठने, स्कूल जाने और पढ़ाई के लिए निर्धारित समय देना बहुत जरूरी है। साथ ही, आराम और खेल का भी समय निर्धारित करें, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से ताजगी महसूस कर सकें।
लक्ष्य निर्धारण (Goal Setting)
जब बच्चे अपनी पढ़ाई या अन्य गतिविधियों के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो वे अधिक संगठित और समय का पाबंद बनते हैं। उदाहरण के लिए, आप अपने बच्चे को यह सिखा सकते हैं कि वह हर दिन के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें, जैसे कि एक किताब पढ़ना या एक होमवर्क पूरा करना। इससे उन्हें समय प्रबंधन में मदद मिलती है और वे अधिक जिम्मेदार बनते हैं।
प्रेरणा और सकारात्मकता
जब बच्चे समय का पाबंद बनने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें सराहा जाना बहुत जरूरी है। जब भी वे अपनी दिनचर्या का पालन करते हैं और समय पर काम पूरा करते हैं, उन्हें प्रेरित करें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे इसे अपनी आदत बना लेंगे। सकारात्मक reinforcement के जरिए बच्चों को सिखाया जा सकता है कि समय प्रबंधन का पालन करने से उन्हें कितनी खुशी और संतुष्टि मिलती है।
तकनीकी सहायता का उपयोग करें
आजकल बच्चों के पास स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे उपकरण होते हैं, जिनका उपयोग समय प्रबंधन में किया जा सकता है। आप बच्चों के लिए कुछ ऐप्स और अलार्म सेट कर सकते हैं, जो उन्हें समय का पालन करने में मदद करें। उदाहरण के लिए, एक टाइम-मैनेजमेंट ऐप या स्टडी टाइमर, जो बच्चों को समय के भीतर काम पूरा करने की याद दिलाता है।
मूल्य और जिम्मेदारी सिखाएं
बच्चों को यह सिखाना कि समय उनका है और उन्हें इसे सही तरीके से उपयोग करना चाहिए, बहुत महत्वपूर्ण है। जब बच्चे खुद अपने समय को नियंत्रित करते हैं और उसकी जिम्मेदारी लेते हैं, तो वे अपने कार्यों के प्रति अधिक गंभीर हो जाते हैं।
लचीलापन बनाए रखें
समय का पाबंद बनाने के लिए बच्चों को कभी-कभी लचीला बनाना जरूरी होता है। अगर कभी कोई कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाता, तो उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि इसका मतलब यह नहीं है कि वे असफल हो गए हैं। लचीलापन बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और वे समय प्रबंधन में सुधार करने की कोशिश करते रहते हैं।