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10-Apr-2025 07:29 AM
By First Bihar
Parenting Tips: आजकल ज्यादातर माता-पिता कामकाजी हैं और दिन का बड़ा हिस्सा घर से बाहर बिताते हैं। ऐसे में बच्चों की चिंता हर पल मन में साये की तरह रहती है। अगर बच्चे घर पर अकेले हैं, तो उनकी शरारतें या अनजाने में हुई गलतियाँ बड़ा खतरा बन सकती हैं। कुछ आसान सेफ्टी टिप्स और डिवाइसेज की मदद से आप बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं। ये टिप्स आपकी गैरमौजूदगी में तीसरी आँख की तरह काम करेंगे।
छोटे बच्चे शरारती होते हैं और किचन या बाथरूम की दराजों तक पहुँचने की कोशिश करते हैं। वहाँ रखे चाकू, माचिस, दवाइयाँ या फ्लोर क्लीनर उनके लिए खतरा बन सकते हैं। बाजार में मिलने वाले स्ट्रैप और लैच इस समस्या का आसान हल हैं। इन्हें केबिनेट और दराजों पर लगाएँ, ताकि बच्चे इन्हें खोल न पाएँ।
घर में आग का खतरा कभी भी हो सकता है, खासकर अगर बच्चे अकेले हों। स्मोक अलार्म हर कमरे और किचन जैसी जोखिम वाली जगहों पर लगवाएँ। ये सस्ते होने के साथ बेहद कारगर हैं। हर महीने इनकी जाँच करें और साल में एक बार बैटरी बदल दें।
बच्चे कभी-कभी खेल-खेल में फ्रिज में छुपने या माइक्रोवेव चलाने की कोशिश करते हैं। यह जानलेवा हो सकता है। अप्लायंस लॉक स्ट्रैप इस खतरे को रोकते हैं। इन्हें रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव या डिशवॉशर के किनारों पर आसानी से लगाया जा सकता है। इससे बच्चे इन्हें खोल नहीं पाएँगे और आप निश्चिंत रह सकेंगे।
खिड़कियाँ 4-5 इंच से ज्यादा न खुलें, इसके लिए सेफ्टी नेट लगाएँ। ग्रिल की जाली भी इतनी बड़ी न हो कि बच्चा उसमें फँस जाए। बालकनी में कोई खुली जगह न छोड़ें, जहाँ से गिरने का डर हो। साथ ही, एक खिड़की ऐसी रखें जो आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए इस्तेमाल हो सके। यह छोटी सावधानी बड़ी दुर्घटना रोक सकती है।
बच्चे घर में दौड़ते-भागते हैं और टेबल या फर्नीचर के नुकीले कोनों से टकरा सकते हैं। सॉफ्ट बम्पर्स इन किनारों पर चिपकाएँ। ये आसानी से लगते हैं और जरूरत न होने पर निकाले भी जा सकते हैं। इन्हें अपने हिसाब से काटकर फिट कर सकते हैं। यह बच्चों को चोट से बचाने का आसान तरीका है।
ऐसे फर्नीचर या सामान जो बच्चे खिसका सकें या जिनके गिरने का खतरा हो, उन्हें दीवार पर न टाँगें। इन्हें फर्श पर रखें या मजबूती से फिक्स करें। टीवी, शेल्फ या भारी सामान अगर गिर जाए, तो बच्चे को गंभीर चोट लग सकती है।
घर में कई स्विच और सॉकेट बच्चों की पहुँच में होते हैं। आउटलेट कवर या प्लेट डिवाइस लगाकर इन्हें सुरक्षित करें। ध्यान रखें कि ये कवर ऐसे हों, जिन्हें बच्चा आसानी से न हटा पाए। यह बिजली के झटके से बच्चों को बचाने का आसान उपाय है।
बाथरूम में शावर और नल के सिरों पर कवर लगाएँ, ताकि बच्चे गर्म पानी से न जलें। हीटर का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से कम सेट करें। यह छोटा बदलाव आपके बच्चों को बड़े हादसे से बचा सकता है।