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26-Mar-2025 02:20 PM
By First Bihar
Mental Health Tips : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती दिनचर्या लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही है। खासकर, कुछ आदतें ऐसी हैं जो तनाव और एंग्जाइटी को बढ़ावा देती हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इंटरनेट और डिजिटल लाइफस्टाइल ने लोगों को फिजिकल एक्टिविटी से दूर कर दिया है, जिससे समाज से दूरी और मानसिक दबाव बढ़ रहा है। अगर आप भी अक्सर एंग्जाइटी महसूस करते हैं, तो हो सकता है कि आपकी कुछ आदतें इसकी वजह बन रही हों। आइए जानते हैं वे 5 आदतें जो आपकी चिंता को बढ़ा सकती हैं और जिन्हें तुरंत छोड़ने की जरूरत है।
नींद की कमी
पर्याप्त नींद न लेना आपकी मानसिक सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है। जब आप अच्छी नींद नहीं लेते, तो शरीर और दिमाग को पूरा आराम नहीं मिलता, जिससे तनाव और चिंता बढ़ सकती है। साथ ही, एनर्जी लेवल भी कम हो जाता है, जिससे दिनभर थकान और बेचैनी महसूस हो सकती है।
शराब का सेवन
एल्कोहल पीने से शुरुआत में राहत महसूस हो सकती है, लेकिन इसका असर खत्म होते ही एंग्जाइटी और बढ़ जाती है। शराब मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित कर सकती है, जिससे मानसिक संतुलन बिगड़ता है और चिंता की समस्या अधिक गंभीर हो सकती है।
ताजी हवा और धूप न लेना
आजकल वर्क फ्रॉम होम और डिजिटल लाइफस्टाइल के चलते लोग घरों में सीमित हो गए हैं, जिससे उन्हें ताजी हवा और प्राकृतिक रोशनी नहीं मिल पाती। इससे शरीर और दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे जल्दी थकान और मानसिक तनाव महसूस होता है।
बार-बार मोबाइल चेक करना
लगातार सोशल मीडिया स्क्रॉलिंग और हर समय मोबाइल चेक करने की आदत मानसिक शांति को भंग कर सकती है। इससे मस्तिष्क पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे तनाव और चिंता का स्तर बढ़ सकता है। डिजिटल डिटॉक्स से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
लंबे समय तक बैठे रहना
शारीरिक गतिविधि की कमी चिंता और तनाव को बढ़ा सकती है। नियमित व्यायाम करने से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे अच्छे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मानसिक शांति और खुशी प्रदान करते हैं। अगर हम एक ही जगह लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो ये हार्मोन कम बनने लगते हैं, जिससे एंग्जाइटी और तनाव बढ़ सकता है। अगर आप भी इन आदतों से परेशान हैं, तो आज से ही इन्हें छोड़ने का संकल्प लें। अपनी दिनचर्या में बदलाव करें, नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और डिजिटल डिटॉक्स को अपनाएं। इससे न सिर्फ आपकी मानसिक सेहत बेहतर होगी, बल्कि जीवन में सकारात्मकता भी बनी रहेगी।