ब्रेकिंग न्यूज़

GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी

Lifestyle: जानलेवा बीमारियों को आमंत्रित करते हैं नॉन-स्टिक बर्तन, NIN के खुलासे के बाद स्तब्ध रह गए लोग

Lifestyle: ज्यादा तापमान या घिसी कोटिंग से टेफ्लॉन बर्तन जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो हार्मोन असंतुलन, थायरॉइड और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं।

Lifestyle

14-Apr-2025 08:57 AM

By First Bihar

Lifestyle: इस बात में कोई शक नहीं कि नॉन-स्टिक बर्तन किचन में हमारी सुविधा के लिए सही हैं, कम तेल, आसान सफाई, चमकदार लुक। लेकिन नेशनल न्यूट्रिशन इंस्टिट्यूट की नई गाइडलाइंस ने इनकी काली सच्चाई उजागर की है। ज्यादा तापमान या घिसी कोटिंग से टेफ्लॉन बर्तन जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो हार्मोन असंतुलन, थायरॉइड और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं। इसके उलट, मिट्टी के बर्तन सबसे सुरक्षित बताए गए हैं।


NIN के मुताबिक, मिट्टी के बर्तन पोषक तत्व बचाते हैं। धीमी आंच पर खाना पकने से तेल कम लगता है, और स्वाद भी लाजवाब रहता है। गाँवों में आज भी लोग मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाते हैं, जिससे स्वाद और सेहत दोनों बरकरार रहते हैं। विज्ञान भी इन्हें सबसे सुरक्षित मानता है।


वहीं, नॉन-स्टिक बरतन में टेफ्लॉन कोटिंग 260°C से ज्यादा गर्म होने या खुरचने पर PFAS जैसे हानिकारक रसायन छोड़ती है। ये रसायन शरीर में जमा होकर गंभीर बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं। NIN ऐसे में लोगों को यह सलाह देता है कि घिसे नॉन-स्टिक बर्तनों को तुरंत बदलें।


बाकी के बर्तनों की बात करें तो:

एल्यूमिनियम: खट्टे खाने के लिए ठीक नहीं, इसमें रसायन घुलने का खतरा।  

पीतल/तांबा: बिना टिन कोटिंग के खट्टा खाना नुकसानदायक।   

लोहा: अच्छा, पर रखरखाव बेहद जरूरी।  

स्टेनलेस स्टील: रोजमर्रा के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित।   

ग्रेनाइट कोटिंग: टेफ्लॉन-मुक्त हो तो मध्यम आंच पर सुरक्षित।


लोगों के लिए NIN की अतिरिक्त सलाह  

चीनी 20-25 ग्राम/दिन तक सीमित करें।  

तेल कम करें, डीप फ्राई से बचें।  

एयर फ्रायर या ग्रेनाइट बर्तन अपनाएँ।