ब्रेकिंग न्यूज़

GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी

Art of living :आर्ट ऑफ लिविंग को समझें और अपनी खुशियों को करें दोगुना!

Art of living : अच्छा और बुरा हमेशा सापेक्ष होते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग का मूल सिद्धांत यही है कि विरोधी तत्व एक-दूसरे के पूरक होते हैं। जीवन में कुछ भी पूरी तरह अच्छा या पूरी तरह बुरा नहीं होता, यह परिस्थितियों और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।

जीवन Life, अच्छाई Goodness, बुराई Evil, परिस्थिति Situation, नजरिया (Perspective), संतुलन (Balance), दर्शन Philosophy, सीख Learning, स्वास्थ्य Health, जागरूकता Awareness, सत्य की खोज Search for Truth

30-Mar-2025 03:51 PM

By First Bihar

Art of living : जागरूकता, संतुलन और प्रसन्नता के साथ जीना ही सच्चे अर्थों में आर्ट ऑफ लिविंग कहलाता है। जब हम प्रत्येक क्षण को खुले विचारों और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाते हैं, तभी हम वास्तविक आनंद का अनुभव कर सकते हैं।


सुदर्शन क्रिया: मानसिक संतुलन की कुंजी

आर्ट ऑफ लिविंग में सुदर्शन क्रिया को एक प्रभावी तकनीक माना जाता है, जो श्वास प्रक्रियाओं के माध्यम से मन और शरीर को शुद्ध करने में सहायक होती है। इस पद्धति को अपनाने से न केवल तनाव कम होता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक ऊर्जा का भी विकास होता है।

सही और गलत का दृष्टिकोण

जीवन में सही या गलत का निर्धारण हमारी सोच और नजरिए पर निर्भर करता है। यदि हम परिस्थितियों को खुले मन से स्वीकार करें, तो उनमें छिपे अवसरों को देख पाना संभव हो जाता है। अच्छा और बुरा सापेक्ष होते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग का पहला सिद्धांत यही है कि विपरीत तत्व एक-दूसरे के पूरक होते हैं। इस संसार में कुछ भी पूर्णतः अच्छा या बुरा नहीं होता। उदाहरण के लिए, दूध सेहत के लिए लाभदायक है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसी तरह, जहर सामान्य रूप से खतरनाक माना जाता है, लेकिन कई बार यही जीवन बचाने वाली औषधि बन जाता है। वास्तव में, अधिकतर जीवनरक्षक दवाएं अपने मूल रूप में जहरीली होती हैं। इसलिए, अच्छा और बुरा केवल परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। सत्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि हम विभेदकारी जागरूकता को अपनाएं।

आर्ट ऑफ लिविंग का व्यापक प्रभाव

आज दुनिया भर में लाखों लोग आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़कर अपने जीवन में संतुलन, शांति और आध्यात्मिक जागरूकता की ओर बढ़ रहे हैं। इसका मूल संदेश स्पष्ट है—जब सांसों पर नियंत्रण होता है, तब जीवन भी नियंत्रित और आनंदमय हो जाता है। यही सच्ची आर्ट ऑफ लिविंग है।