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16-May-2025 01:04 PM
By First Bihar
Terrorist To President: अहमद अल-शरा, जिसे पहले अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नाम से जाना जाता था, आज सीरिया का राष्ट्रपति बना बैठा है। कभी अल-कायदा से जुड़े इस शख्स पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था, जो दिसंबर 2024 में हटा लिया गया। अहमद अल-शरा का जन्म 1982 में सऊदी अरब में हुआ था, लेकिन उसकी परवरिश दमिश्क के मेज्जेह इलाके में हुई। इस शख्स की विचारधारा 2000 की दूसरी फिलिस्तीनी इंतिफादा और 2001 के 9/11 हमलों से प्रभावित हुई थी।
2003 में जब अमेरिका ने इराक पर हमला किया, तो अल-शरा ने अल-कायदा से जुड़कर अमेरिकी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह 5 साल तक अमेरिकी हिरासत में रहा, जिसके बाद 2011 में इसे सीरिया भेजा गया। वहां इसने अल-कायदा की शाखा नुसरा फ्रंट की स्थापना की, जिसने 2011 में कई आत्मघाती हमले कराए। अमेरिका ने 2013 में इसे आतंकी घोषित कर इसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।
जिसके बाद 2016 में अल-शरा ने अल-कायदा से नाता तोड़ लिया और अपनी पार्टी का नाम बदलकर हयात तहरीर अल-शाम कर दिया। दिसंबर 2024 में इसकी अगुवाई में बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका गया और जनवरी 2025 में यह सीरिया का अंतरिम राष्ट्रपति बन गया।
अल-शरा का यह बदलाव कई मायनों में हैरान करने वाला है। दिसंबर 2024 में अमेरिकी राजनयिकों ने दमिश्क में इससे मुलाकात की और इसके आश्वासन पर इनाम हटा लिया। अल-शरा ने वादा किया कि वह सीरिया में आतंकी गतिविधियों को रोकेगा। 15 मई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में अल-शरा से मुलाकात की और सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंध हटाने की घोषणा की। ट्रंप ने इसे "यंग, अट्रैक्टिव, टफ गाय" कहकर तारीफ भी की थी।
इस बात में कोई शक नहीं कि अल-शरा ने अपनी छवि बदलने की पूरी कोशिश की है। पहले वह सैन्य वर्दी में नजर आता था, अब सूट पहनकर घूमता है। अब इसने धार्मिक सहिष्णुता और समावेशी सरकार की बातें शुरू कर दी हैं। लेकिन कई लोग इसकी इस नई छवि पर सवाल उठाते हैं, उनका कहना है कि इसकी जिहादी विचारधारा आज भी फल फूल रही। हालांकि बता दें कि अल-शरा की पार्टी HTS अभी भी अमेरिका, यूएन और यूके द्वारा आतंकी संगठन मानी जाती है।