बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार
10-Mar-2025 01:12 PM
By KHUSHBOO GUPTA
Success Story: कहते हैं कि अगर आप किसी चीज को हासिल करने के लिए जी जान से मेहनत करते हैं तो सफलता आपके कदम जरूर चूमती है। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर ऐसा कर दिखाया है ग्रामीण परिवार से आने वाले हेमंत पारीक ने। अपने सफर में कई आर्थिक और शैक्षिक चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने सफलता हासिल की है। हेमंत की मां ने मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण किया। बिना आर्थिक संसाधनों और अंग्रेजी भाषा के ज्ञान के, हेमंत ने पूरी लगन से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और UPSC 2023 में सफलता हासिल की।
राजस्थान के एक छोटे से गांव में जन्मे हेमंत पारीक का परिवार बहुत गरीब था। पिता जी पूजा-पाठ कराते थे, जिससे बहुत कम कमाई होती थी। मां मनरेगा में मजदूरी करके परिवार चलाती थीं। पिता जी और बहन की तबीयत अक्सर ही खराब रहती थी। इसलिए घर की सारी जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई थीं। हेमंत खुद भी दिव्यांग थे, उनका एक हाथ ठीक से काम नहीं करता था। परिवार की मुश्किलें बढ़ती गईं, तो वे हरियाणा चले गए। हरियाणा में भी मां दिन में मनरेगा में काम और शाम को खेतों में मजदूरी करती थीं। किसी तरह मुश्किल से घर का खर्च चलता था।
आर्थिक तंगी से कट रही जिंदगी के बीच एक घटना ने हेमंत को IAS बनने के लिए प्रेरित किया। एक बार एक ठेकेदार ने हेमंत की मां के 220 रुपये नहीं दिए। हेमंत ने जब ठेकेदार से पैसे मांगे, तो उसने मजाक उड़ाते हुए कहा, 'क्या तुम कलेक्टर हो?' यहीं से हेमंत के मन में सिविल सेवा में जाने का सपना जगा। कॉलेज के सीनियर्स भी हेमंत का मजाक उड़ाते और कहते, 'तुम तो आईएएस बनोगे।' यह बात भी हेमंत के लिए प्रेरणा बनी और उन्होंने एक दिन वाकई इस बात को सच साबित कर दिखाया।
हेमंत के पास न तो पैसे थे और न ही अच्छी पढ़ाई। दसवीं कक्षा तक उन्हें अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती थी। उनके टीचर ने उन्हें अंग्रेजी पास करने के लिए बहुत प्रेरित किया। सारी मुश्किलों के बावजूद, हेमंत ने किसी तरह स्कूल की पढ़ाई पूरी की। फिर उन्होंने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन में दाखिला लिया। कॉलेज खत्म करने के बाद, हेमंत ने एक साल तक यूपीएससी परीक्षा की कड़ी मेहनत से तैयारी की। 2023 में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 884 हासिल करके परीक्षा पास कर ली। वाकई हेमंत की कहानी आजकल के सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायी है।